Bokaro Encounter: ऑपरेशन दाकाबेडा की सफलता पर डीजीपी ने कई पुलिसकर्मियों को किया सम्मानित, जानिए नक्सलियों को क्या दी चेतावनी

बोकारो: नक्सली सीधे सरेंडर करे, अब उनके पास वार्ता की कोई जगह नहीं है, अन्यथा मारे जाएंगे. उक्त बातें झारखंड राज्य के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बोकारो के ललपनिया में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कही. उन्होंने ऑपरेशन दाकाबेडा की सफलता पर कई पुलिसकर्मियों को सम्मानित भी किया. उन्होंने बीते 21अप्रैल को ऑपरेशन दाकाबेडा के तहत आठ नक्सलियों को मार कर गिराने वाले जांबाज कोबरा बटालियन, झारखंड जगुआर और जिला पुलिस के जवानों को बधाई दी, जिन्होंने करोड़ों रुपये की इनामी नक्सलियों का सफाया किया है. इन नक्सलियों पर कई थाना में मामला दर्ज है. उन्होंने कहा कि जो बचे हुए नक्सली हैं, उन्हें मैं कहना और हिदायत देना चाहता हूँ कि राज्य का जो सरेंडर पालिसी है, उसे अपनाते हुए शांति के मार्ग पर लौट आये, अन्यथा मारे जाएंगे. जो सरेंडर करेंगे उसे ओपन जेल में रखेंगे. उन्हें पैसा देंगे, उनके बच्चों को पढ़ाई-लिखाई कराएंगे. उनकी कानूनी लड़ाई लड़ने में मदद करेंगे. परंतु समझाने के बाद भी नहीं मानेंगे तो उनका भी वही हस्र होगा जो 21 अप्रैल को 8 नक्सलियों का हुआ है. जो भी हिंसा के रास्ते पर हैं वे जल्दी लौटकर मुख्यधारा में आवे नहीं तो उनके लिए कोई जगह नहीं है.
DGP ने नक्सलियों को दी चेतावनी
आगे उन्होंने कहा कि आज हमारे पास जो इंटेलिजेंस है, वह इतनी मजबूत है कि हमे सब कुछ पता है कि उनके लिए कौन खाना बनाता और लाता है, कौन दवाई लाता है, उसकी पूरी जानकारी है. कौन उसका दोस्त है, वह भी पता है. नक्सली कहाँ रहते हैं, क्या खाते हैं, क्या प्लानिंग करते है, कहाँ सोते हैं सभी बातो की जानकारी हमे है. इसलिए उनके लिए चेतावनी है कि गोली खाने से अच्छा है कि, वे सरकार की शांति और सरेंडर पालिसी अपनाए और उसका फायदा उठाकर मुख्य धारा में लौट आएं.
सरकार के समक्ष सरेंडर करे, अन्यथा मारे जाएंगे: DGP
उन्होंने कहा कि नक्सलियों का सबसे बड़ा दुश्मन जो झारखंड और कोबरा पुलिस है, वो काफी मजबूत है. नक्सलियों के सामने एक पहाड़ के समान है. उनसे टकराना नक्सलियों के बस की बात नहीं है. इसलिए बेहतर है कि जान बचाने के लिए सरकार के समक्ष सरेंडर करे, अन्यथा मारे जाएंगे. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुठभेड़ के समय एक दो नक्सली की गिरफ्तारी भी हुई है,उनसे पूछताछ चल रही है.
बोकारो, गोमिया से संजय कुमार की रिपोर्ट,
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