रांची - झारखंड विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन बहुत खराब रहा है.जहां पार्टी सरकार बनाने का ख्वाब देख रही थी, वहां उसे विपक्ष में बैठक का जनादेश मिला है. भाजपा की लंबी-चौड़ी रणनीति फेल हो गई. बड़े-बड़े नेता लोगों को समझाने के लिए झारखंड का दौरा किया. लेकिन सब कुछ फेल हो गया.झारखंड विधानसभा चुनाव के प्रभारी केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान सह प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्वा सरमा का सारा एजेंडा हवा हो गया.भाजपा 21 पर आकर सिमट गई. 2019 के विधानसभा चुनाव से भी खराब प्रदर्शन हुआ.
हार के कारण को समझने के लिए बैठक बुलाई गई
हार के कारणों को समझने के लिए भाजपा ने एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है. 30 नवंबर को प्रदेश कार्यालय में यह बैठक होगी. इस बैठक में जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी, विधानसभा चुनाव प्रभारी प्रमंडलीय प्रभारी और प्रदेश पदाधिकारी मौजूद रहेंगे. बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी करेंगे. इस बैठक में प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेई भी शामिल होंगे. चुनाव के लिहाज से जिन्हें दायित्व दिया गया,उनसे सवाल-जवाब हो सकता है. चुनाव प्रबंधन में कहां चूक रही जिस कारण से यह शर्मनाक हार हुई, इसकी पड़ताल की जाएगी. बैठक बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है.इस बैठक में आरोप प्रत्यारोप भी लग सकते हैं.
दिल्ली में प्रमुख नेता बैठक कर हार की करेंगे समीक्षा
भारतीय जनता पार्टी झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए काफी पहले से तैयारी कर रही थी.सांगठनिक स्तर पर सभी तरह की तैयारी की गई थी. संसाधनों की भी कहीं कोई कमी नहीं थी. बड़े-बड़े कार्यक्रम भी किए गए लेकिन झारखंड का सत्तारूढ़ गठबंधन अपनी रणनीति से एनडीए को धूल चटा दिया. प्रदेश स्तर पर 30 नवंबर को बैठक होगी. उसके बाद दिल्ली में भी बैठक बुलाई गई है जिसमें प्रमुख नेताओं को बुलाया गया है. 3 दिसंबर को दिल्ली में राष्ट्रीय नेताओं के साथ यह बैठक होगी.
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