धनबाद(DHANBAD) : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सचमुच बीमार है. या बीमारी उनकी राजनीतिक है. यह अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है. इस बीच कयासों का दौर जारी है. एक बार फिर पलटने की चर्चा तेज है. सवाल यह भी उठ रहे हैं कि क्या फिलवक्त जदयू में नीतीश कुमार इतने मजबूत है कि कोई बड़ा निर्णय ले पाए. पटना से लेकर दिल्ली तक बैठक हो रही है. दिल्ली से नेता पटना पहुंच रहे हैं, तो पटना से नेता दिल्ली जा रहे है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के बाद उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने भी कह दिया है कि बिहार में 2025 का विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के चेहरे पर ही लड़ा जाएगा.
प्रदेश अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री के कथन पर किसी को भरोसा नहीं
शुक्रवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा था कि 2025 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ही एनडीए के नेता होंगे और उनके नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाएगा. मुख्यमंत्री का चेहरा भी वही होंगे. फिर उसके बाद उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा है कि एनडीए में कोई भ्रम की स्थिति नहीं है. एनडीए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही चुनावी मैदान में जाएगा. यह बात दिल्ली में रविवार को उन्होंने कही. यह अलग बात है कि इसी क्रम में उन्होंने लालू प्रसाद यादव के परिवार पर हमला भी बोला. लेकिन जितनी बातें हो रही है, उससे मामला कही आगे निकलता बताया जा रहा है.
नीतीश कुमार फिलहाल चुप हैं और यही खतरे के संकेत है
नीतीश कुमार को जानने वाले यह बताते हैं कि नीतीश कुमार को जब कुछ बड़ा करना होता, तो चुप हो जाते. फिलहाल भी वह चुप है. दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्री के इस कथन के बाद कि चुनाव के बाद बिहार में नेता तय किया जाएगा, विवाद शुरू हुआ. मुख्यमंत्री के सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए गए. कहा गया कि वह बीमार है. लेकिन अभी तक कोई मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं हुई है. राजनीतिक कयासों का दौरा जारी है. लोग कहते हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री के बयान के बाद बिहार के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री की सफाई की, आखिर कितनी अहमियत हो सकती है? इस पर कोई क्यों भरोसा करें? यह बात भी सच है कि बिहार में भाजपा के लिए नीतीश कुमार एक तरह से मजबूरी है. अगर भाजपा, माइनस नीतीश कुमार चुनाव लड़ती है, तो उसकी सीटें कम आएगी. यह बात भी सच है कि भाजपा के साथ नीतीश कुमार जब-जब चुनाव लड़ते हैं, तो नीतीश कुमार की सीट घट जाती है और भाजपा की बढ़ जाती है.
2025 का बिहार विधानसभा चुनाव कोई साधारण चुनाव नहीं होगा
2025 का बिहार विधानसभा चुनाव कोई साधारण चुनाव नहीं होगा. झारखंड में जिस तरह 2024 का चुनाव हुआ, उससे भी कहीं कड़ा चुनाव बिहार में हो जाए, तो इसमें कोई संदेह नहीं. नीतीश कुमार भाजपा से नाराज चल रहे है. इसमें भी कोई शक-सुबहा किसी को नहीं है. नीतीश कुमार क्या फिर एक बार अपनी बनी पहचान को रिपीट करेंगे? यह सवाल झारखंड से लेकर बिहार तक और बिहार से लेकर दिल्ली तक उठ रहे है. बिहार के कई नेताओं के मन में लड्डू भी फूट रहे है. सब अपनी-अपनी गोटी की फिक्र कर रहे है. लेकिन यह सब निर्भर करेगा नीतीश कुमार के अगले कदम पर. खरमास शुरू हो गया है और बिहार के लोग इस महीने को अशुभ मानते है. कोई बड़ा काम नहीं करते, तो क्या 15 जनवरी के बाद बिहार में कुछ नया होगा. यह सवाल अभी बना हुआ है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
4+