रांची(RANCHI): झारखंड विधानसभा न्यायधिकरण में दसवीं अनुसूची के तहत दर्ज दल बदल के मामले में विधानसभा कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. एक साथ दो विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी गई है. इसमें झामुमो के बागी लोबिन और भाजपा के बागी जेपी पटेल पर कार्रवाई हुई है. दोनों के खिलाफ पार्टी ने विधानसभा न्यायधिकरण में मामला दर्ज कराया था. दोनो पक्षों की ओर से विधानसभा कोर्ट में लंबी बहस की गई. कई दलील कोर्ट में अधिवक्ताओं ने दिया. लेकिन आखिर में फैसला दोनों विधायक के पक्ष में नहीं आए. कोर्ट ने दोनों की सदस्यता खत्म करने का फैसला सुनाया है.
भाजपा छोड़ कांग्रेस में हुए थे शामिल
दरअसल जेपी पटेल भाजपा के टिकट पर 2019 में मांडू विधनसभा से चुनाव जीत कर सदन पहुंचे थे. भाजपा के कड़ी तेवर वाले विधायक में शामिल थे. बेबाकी के साथ सरकार को घेरते हुए दिखते थे. लेकिन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जेपी पटेल ने भाजपा का दामन छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हो गए. हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन इसमें भी हार का सामना करना पड़ा है. अब विधानसभा की भी सदस्यता चली गई है.
मांडू में जेपी की अच्छी पकड़
देखें तो मांडू इलाके में जेपी पटेल की पकड़ काफी मजबूत मानी जाती है. जय प्रकाश भाई पटेल के पिता टेक लाल महतो पांच बार मांडू से विधायक रह चुके हैं इसके अलावा एक बार 2004 में 14वीं लोकसभा में गिरीडीह क्षेत्र से चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंचे थे. जब टेक लाल महतो की मृत्यु 2011 में हुई है. जेपी पटेल के पिता शुरू से ही झामुमो के साथ रहे थे. लेकिन जेपी ने अलग रास्ता चुन कर सदन पहुंचने का काम किया था. आखिर में फिर कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
लोबिन ने पार्टी के खिलाफ लड़ा था लोकसभा का चुनाव
वहीं झामुमो के टिकट पर 2019 का चुनाव लड़ कर सदन पहुंचने वाले बोरियों विधायक लोबिन ने लोकसभा चुनाव में चुनाव लड़ने का मन बनाया. शुरू में पार्टी पर खूब दबाव बनाया, जब पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो पार्टी से बगवात कर उसके खिलाफ ही राजमहल सीट से पर्चा भर दिया. जिसके बाद झामुमो की ओर से उन्हें नोटिस जारी किया गया. आखिर में पार्टी से निष्काषित कर बाहर का रास्ता दिखा गया. फिर विधानसभा न्यायधिकरण में दल बदल की शिकायत दर्ज कराई गई.
स्पीकर कोर्ट ने सुनाया फैसला
स्पीकर कोर्ट ने नोटिस भेज कर विधायक से जवाब मांगा. जिसके बाद मामले में सुनवाई शुरू हुई. इस सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की ओर से लंबी बहस स्पीकर कोर्ट में चली.जिसमें पार्टी और लोबिन की ओर से कई दलील दी गई. दोनों पक्षों को सुनने के बाद बुधवार को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया. आखिर में गुरुवार को कोर्ट ने फैसला सुना दिया. जिसमें विधानसभा की सदस्यता को रद्द कर दिया गया.
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