8 साल से SNMMCH में नहीं बढी है सीटें , नेशनल मेडिकल काउंसिल जल्द करेगी दौरा


धनबाद(DHANBAD) - झारखंड के मुख्यमंत्री चाहे बाबूलाल मरांडी हो, अर्जुन मुंडा अथवा रघुवर दास हो या फिर हेमंत सोरेन. धनबाद के SNMMCH (तत्कालीन PMCH)का भाग्य नहीं बदला. अभी की बात की जाए तो पिछले 8 सालों में कॉलेज या झारखंड सरकार ने सीट नहीं बढवा पाए. 2014 में ही सीटों को घटाकर एक सौ से 50 कर दिया गया था.
आवश्यक संसाधन नहीं होने के कारण घटा दी गई थी सीटें
सीट घटाने के पीछे कारण यह बताया गया था कि आवश्यक संसाधन नहीं है. इधर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने नेशनल मेडिकल काउंसिल से सीटें बढ़ाने का अनुरोध किया है. इसको लेकर नेशनल मेडिकल काउंसिल की टीम कभी भी धनबाद जांच के लिए आ सकती है. लेकिन इसके लिए सरकारी स्तर पर कोई तैयारी नहीं की जा रही है. केवल लफ्फाजी ही हो रही है. सबसे आश्चर्यजनक बात है कि इस मामले को लेकर कहीं से दमदार आवाज नहीं उठ रही है. चिकित्सा व्यवस्था का जो हाल है ,उसकी चर्चा अलग से की जाएगी लेकिन सीटें बढ़ाने को लेकर सरकार गंभीर नहीं है. कॉलेज प्रबंधन तभी से कोशिश कर रहा है, जब एम सी आई थी. अब तो काउंसिल बन गया है.
अभी भी 30 से 35% शिक्षकों की कमी
जमीनी हकीकत की बात करें तो फिलहाल 30 से 35% शिक्षकों की कमी है. शिक्षक लगातार अवकाश ग्रहण कर रहे हैं लेकिन नई बहाली नहीं हो रही है और ना हीं शिक्षकों को प्रोन्नति दी जा रही है. जानकारी के अनुसार पिछले 6 सालों से कोई प्रमोशन नहीं दिया गया है. नतीजा है कि शिक्षकों के मन में भी बहुत उत्साह नहीं है. हालांकि सूत्रों कि माने तो कुछ काम हो रहे है. अस्पताल में मेडिकल गैस पाइपलाइन की कमी लगभग खत्म हो चुकी है. 5-10 परसेंट काम बचे हैं ,लेक्चर थियेटर का काम जारी है. यह थिएटर 100 मेडिकल छात्रों की क्षमता के अनुसार होने चाहिए. अस्पताल में पेडियाट्रिक इंसेंटिव केयर यूनिट अभी तैयार नहीं है. अभी केवल जगह चिन्हित हुई है, ऐसे में इसे भी धनबाद के साथ छल के चश्मे से देखा जा रहा है.
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