रांची - मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव पद पर रहते हुए वरिष्ठ आईएएस अधिकारी राजीव अरुण एक्का द्वारा निजी स्थान पर सरकारी संचिका के निष्पादन मामले की जांच 1 सदस्य आयोग करेगा. यह आयोग 6 महीने में अपनी रिपोर्ट सरकार को देगा. इस आयोग के अध्यक्ष झारखंड हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस विनोद कुमार गुप्ता बनाए गए हैं. सरकार ने पहले मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव पद से राजीव अरुण एक्का को हटाया और अब उनके खिलाफ जांच आयोग का गठन किया है.
राजीव अरुण का वीडियो वायरल
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी राजीव अरुण एक्का पर आरोप है कि वह एक लाइजनर विशाल चौधरी के दफ्तर में बैठकर सरकारी संचिका का निष्पादन कर रहे थे. यह भी आरोप है कि संचिका निष्पादन के एवज में कथित रूप से हुए पैसे भी लाइजनर के माध्यम से लेते थे.
पूर्व मुख्यमंत्री ने जारी किया वीडियो
यह वीडियो भाजपा के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने पिछले दिनों प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में जारी किया था. वीडियो में साफ दिख रहा है कि राजीव अरुण एक्का एक महिला के द्वारा विशाल चौधरी के दफ्तर में संचिका पेश कर रही है और राजीव अरुण एक्का उस पर हस्ताक्षर कर रहे हैं. वीडियो में साफ आवाज आ रही है कि कथित रूप से विशाल चौधरी द्वारा एक व्यक्ति से पैसे मिले या नहीं मिले, इसकी जानकारी महिला स्टाफ से ली जा रही है.
आईएएस राजीव अरुण कें खिलाफ जांच
सोमवार की रात सरकार के द्वारा जारी आदेश के अनुसार 1994 बैच के आईएएस अधिकारी राजीव अरुण एक्का के मामले की जांच हाई लेवल एक सदस्यीय आयोग से कराया जाएगा. इस आदेश में उल्लिखित है कि कमीशन ऑफ इंक्वायरी एक्ट, 1952 के अनुसार इस जांच आयोग का गठन किया गया है. इस प्रकार राजीव अरुण एक्का की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. यह जांच आयोग सभी संबंधित लोगों को पूछताछ के लिए बुलाएगा. हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस विनोद कुमार गुप्ता आयोग ने ही साहिबगंज में महिला दरोगा की रहस्यमय मौत मामले की जांच किया था.
4+