धनबाद(DHANBAD) :15 जुलाई "1998 की उस सुबह को कतरास और धनबाद के लोग कभी भूल नहीं सकते है. विनोद सिंह के भाई दून बहादुर सिंह ने पुलिस को दिए बयान में बताया था कि विनोद सिंह उस दिन कोल डंप जाने के लिए अपनी नई एंबेसडर कार से निकले थे. कार चालक मन्नू अंसारी चला रहा था. पीछे-पीछे उनकी कार भी चल रही थी. सुबह 8:40 बजे वह लोग भगत सिंह चौक पर जैसे ही पहुंचे, एक सफेद रंग की मारुति कार ने दोनों गाड़ियों को ओवर टेक कर रोक दिया. मारुति से तीन लोग उतरे और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. फायरिंग के बाद तीनों मारुति में बैठे और राजगंज की ओर भाग गए. दून बहादुर सिंह ने बताया था कि उन्होंने गोली चलाने वालों को अच्छे से देखा था. उसमें एक रामधीर सिंह और दूसरा राजीव रंजन सिंह थे.
यह हत्याकांड कोयलांचल को दहलाने वाला था
यह हत्याकांड कोयलांचल को दहलाने वाला था, क्योंकि विनोद सिंह की हत्या की खबर जंगल की आग की तरह धनबाद में फ़ैली. यह अलग बात है कि विनोद सिंह हत्याकांड में रामधीर सिंह को सजा दिलाने में कोयला कारोबारी और विनोद सिंह के रिश्तेदार सुरेश सिंह (अब स्वर्गीय) ने बड़ी भूमिका निभाई थी. एक-एक गवाह को कोर्ट तक पहुंचाने से लेकर उनकी गवाही कराने में स्वर्गीय सुरेश सिंह की भूमिका रही. कोर्ट में गवाही करा कर लौटने के दौरान 2004 में धनबाद के बरटांड़ में सुरेश सिंह की कार पर बम और गोली से हमला हुआ था. गाड़ी बुलेटप्रूफ रहने के कारण उनकी जान बच गई थी. 26 साल तक चली इस कानूनी लड़ाई में सुप्रीम कोर्ट से भी रामधीर सिंह को मायूसी हाथ लगी है.
हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ रामधीर सिंह सुप्रीम कोर्ट गए थे
हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ रामधीर सिंह सुप्रीम कोर्ट गए थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दी. रामधीर सिंह फिलहाल रांची जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे है. यह अलग बात है कि सुरेश सिंह और सिंह मेंशन के बीच बगावत जग जाहिर थी. सुरेश सिंह भी रैक से कोयला भेजने के बादशाह थे. दबंगई के लिए भी टकराहट होती रहती थी. स्व. सुरेश सिंह कांग्रेस की टिकट पर झरिया से चुनाव भी लड़े थे. सिंह मेंशन की कुंती सिंह से उनकी चुनावी टकराहट हुई थी. विनोद सिंह की हत्या के कुछ ही दिनों बाद उनके बड़े भाई सकलदेव सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
हीरक रोड में सकलदेव सिंह की गोली मारकर हत्या की गई थी
25 जनवरी 1999 को हीरक रोड में सकलदेव सिंह की गोली मारकर हत्या की गई थी. यह हत्या फिल्मी स्टाइल में की गई थी. बताया गया था कि शार्प शूटर ने चलती गाड़ी में सकलदेव सिंह को गोली मारी थी. बात इतनी ही नहीं थी, सकलदेव सिंह की गाड़ी के पीछे चलने वाले बॉडीगार्ड की गाड़ियों को हमलावरों ने फायरिंग कर पीछे ही रोक दिया था. उसके बाद चलती गाड़ी में शूटर ने गोली मारी. तत्काल उन्हें केंद्रीय अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इस केस में पहले धनबाद के सत्र न्यायाधीश की कोर्ट से रामधीर सिंह को आजीवन कारावास की सजा हुई. हाईकोर्ट में भी सजा को बरकरार रखा और अब सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी याचिका को खारिज कर दी है. वैसे, सुरेश सिंह की हत्या का आरोप रामधीर सिंह के बेटे शशि सिंह पर है. धनबाद क्लब के एक शादी समारोह में सुरेश सिंह की गोली मार हत्या कर दी गई थी. इस मामले में शशि सिंह फरार चल रहे है. इस घटना ने भी सबको झकझोर दिया था. राजीव रंजन सिंह का भी कुछ अता-पता नहीं चल रहा है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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