बहुचर्चित विनोद सिंह हत्याकांड : AK -47 का मुंह खोल कैसे और कहां  किया गया था मर्डर, पढ़िए इस रिपोर्ट में  

15 जुलाई "1998 की  उस सुबह को कतरास और धनबाद के लोग कभी भूल नहीं सकते है.  विनोद सिंह के भाई दून  बहादुर सिंह ने पुलिस को दिए बयान में बताया था कि विनोद सिंह उस दिन कोल्  डंप जाने के लिए अपनी नई एंबेसडर कार  से निकले थे.  कार  चालक मन्नू  अंसारी चला  रहा था.  पीछे-पीछे उनकी कार  भी चल रही थी.  सुबह 8:40 बजे वह लोग भगत सिंह चौक पर जैसे ही पहुंचे, एक सफेद रंग की मारुति कार  ने दोनों गाड़ियों को ओवर टेक  कर रोक दिया.  मारुति से तीन लोग उतरे और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी

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