बंगाल बनेगा चुनावी अखाड़ा - "दिल्ली की जीत हमारी है, 2026 में बंगाल की बारी है "क्यों गूंजने लगे नारे ,पढ़िए इस रिपोर्ट में !

धनबाद (DHANBAD) : दिल्ली चुनाव जितने के बाद भाजपा उत्साह से लबरेज है. सोच रही है कि अंग यानी बिहार, कलिंग यानी ओड़िशा जीत सकते हैं तो बंगाल में भी जीत संभव है. फिलहाल आरएसएस और भाजपा बंगाल में इसी मंत्र के साथ मैदान में अभी से ही उतर गए है. हालांकि विधानसभा चुनाव अगले साल होना है, लेकिन सक्रियता बढ़ा दी गई है. वैसे, तो पश्चिम बंगाल भाजपा के टारगेट सूची में है, तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) भी बंगाल को प्राथमिकता सूची में रखकर काम करना शुरू कर दिया है. सूत्रों के अनुसार बंगाल प्रवास पर पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने प्रदेश में संघ की गतिविधियों को बढ़ाने का निर्देश दिया है. संघ सूत्रों के अनुसार क्षेत्रीय कार्यकारी समिति की बैठक में संघ प्रमुख के निर्देश का मतलब साफ है कि आरएसएस का लक्ष्य बंगाल में खुद को मजबूत करना है.
मोहन भागवत बंगाल में प्रवास पर 6 फरवरी की शाम कोलकाता पहुंचे थे
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत बंगाल में प्रवास पर 6 फरवरी की शाम कोलकाता पहुंचे थे. यहां आने के बाद भागवत आरएसएस के दक्षिण बंगाल के प्रचारकों के साथ बैठक की. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उनका यह दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. उन्होंने बंगाल में सक्रियता बढ़ाने के लिए कई निर्देश दिए है. सूत्रों के अनुसार आने वाले एक वर्ष तक दक्षिण बंगाल के जिलों में संघ के स्वयंसेवक अधिक ऊर्जा के साथ अपनी सक्रियता बढ़ाएंगे, जिन-जिन इलाकों में संगठन कमजोर है, वहां सक्रियता अधिक होगी. इधर, भाजपा भी बंगाल को टारगेट कर चल रही है. बंगाल में मुख्य विपक्षी भाजपा अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने में लग गई है. भाजपा नेताओं का कहना है कि यदि अंग यानी बिहार, कलिंग यानी ओड़िशा जीत सकते हैं तो बंगाल में भी जीत संभव है. बता दें कि भाजपा का अब एकमात्र लक्ष्य बंगाल में भगवा फहराना है.
आरएसएस और भाजपा की सक्रियता से तृणमूल कांग्रेस के सामने भी चुनौती
इधर, आरएसएस और भाजपा की सक्रियता से तृणमूल कांग्रेस के सामने भी चुनौती बढ़ गई है. तृणमूल कांग्रेस को फिर से सरकार बनाने की चुनौती सामने है. ममता बनर्जी भी अगले साल चुनाव को देखते हुए तैयारी में जुट गई है. इतना तो तय है कि 2026 का विधानसभा चुनाव बंगाल में कोई आसान चुनाव नहीं होगा. इधर, दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की जीत से उत्साहित बंगाल भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को चेतावनी देते हुए कहा, 'देखिए, अगली बारी आपकी है.' सुवेंदु अधिकारी ने खुशी जताते हुए कहा, "दिल्ली की जीत हमारी है, 2026 में बंगाल की बारी."है. पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक जीत को देश के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा था कि यह भ्रष्टाचार और झूठ की राजनीति के अंत की शुरुआत है.
दावा-बंगाल में भी अब बदलाव का समय आ गया है
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने जनता से किए वादों के साथ धोखा किया और भ्रष्टाचार में लिप्त रही, जिसका जवाब दिल्ली की जनता ने दे दिया.उन्होंने दावा किया कि 90 प्रतिशत से अधिक बंगाली मतदाताओं ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया, ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को मजबूत किया जा सके.सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि अब बंगाल में भी बदलाव का समय आ गया है. उन्होंने दावा किया कि दिल्ली की तरह बंगाल में भी भाजपा की लहर चलेगी और राष्ट्रवादी सरकार बनेगी. उन्होंने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार से अपील की कि पश्चिम बंगाल में निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित किए जाए, ताकि तृणमूल कांग्रेस की सरकार द्वारा की जा रही धांधली और पुलिस के दुरुपयोग को रोका जा सके. भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि बंगाल में पुलिस का इस्तेमाल भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं को झूठे मामलों में फंसाने के लिए किया जा रहा है.उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की जनता अब पूरी तरह तैयार है और 2026 के चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए भाजपा को भारी समर्थन देगी.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
4+