बहनजी VS सांसद दानिश अली : निलंबन का क्या बना कारण, महुआ मोइत्रा के साथ खड़े होना या राहुल गाँधी का मिलना


धनबाद(DHANBAD) | टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा को संसद से निष्कासित किए जाने के बाद बहुजन समाज पार्टी ने अमरोहा से अपनी पार्टी के सांसद दानिश अली को निलंबित कर दिया है. बसपा की यह कार्रवाई ने सबको चौकाया है. इस कार्रवाई के बाद सांसद दानिश अली ने कहा है कि यह फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है. यदि भाजपा की नीतियों का विरोध करना जुर्म है, तो वह कोई भी सजा भुगतने को तैयार है. उन्हें निलंबित करते हुए कहा गया है कि दानिश अली को मौखिक रूप से पहले हिदायत दी गई थी कि वह पार्टी की नीतियों ,विचारधारा और अनुशासन के विरुद्ध बयानबाजी और पार्टी के विरोध कृत ना करें, बावजूद वह लगातार पार्टी के खिलाफ जाकर काम कर रहे थे. जो भी हो, राजनीतिक पंडित महुआ मोइत्रा और दानिश अली के मामले को एक तराजू में रखकर तौल रहे है.
दक्षिण दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी ने की थी टिप्पणी
दक्षिण दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी की अमर्यादित टिप्पणी को लेकर चर्चा में आए दानिश अली की शिकायत पर सांसद रमेश बिधूड़ी पर ठोस कार्रवाई न होना और महुआ मोइत्रा को संसद से निष्कासित कर देने को लेकर अभी देश की राजनीति गर्म है. महुआ मोइत्रा टीएमसी की फायर ब्रांड नेता है और वह अपनी वाकपटुता और तथ्य से लबरेज भाषणों के लिए जानी जाती है. यह अलग बात है कि झारखंड(गोड्डा ) के सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत पर कार्रवाई आगे बढ़ती चली गई और लोकसभा से निष्कासन के बाद भी महुआ मोइत्रा पर कुछ कार्रवाई हो जाए तो आश्चर्य नहीं. इधर, दानिश अली पर बसपा का आरोप है कि वह पार्टी लाइन से अलग हटकर काम कर रहे थे. यह बाद भी सही है कि दानिश अली के खिलाफ संसद में टिप्पणी के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी उनके आवास पर उनसे भेंट की थी. महुआ मोइत्रा के मामले में भी दानिश अली मुखर थे. ऐसे में बसपा ने चुनाव के पहले पार्टी से निलंबित कर क्या संदेश देना चाहती है? महुआ मोइत्रा का मामला अभी गर्म है, इसबीच दानिश अली का निलंबन लोगों को अपने-अपने ढंग से सोचने को को मजबूर कर दिया है.
सांसद दानिश अली पर कब गई थी अमर्यादित टिप्पणी
चंद्रयान-3' की सफलता और अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की उपलब्धियां' विषय पर लोकसभा में चर्चा के दौरान गत 21 सितंबर को बिधूड़ी ने अली के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था. इसके बाद, खुद दानिश अली के अलावा लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सांसद सुप्रिया सुले, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की अपरूपा पोद्दार, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) की कनिमोई और विपक्ष के कई अन्य सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर बिधूड़ी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. इन सांसदों ने मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने का भी आग्रह किया था.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
4+