रांची(RANCHI): रंगो और उमंगों का त्योहार होली में बस कुछ ही दिन शेष बचे है. इस त्यौहार का सभी लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं. रंग बिरंगे गुलाल उडा कर फगुआ के गीत में बिहार औऱ झारखंड के लोग झूम कर होली खेलते हैं. तो वही हिंदू धर्म में फगुआ के रंगो के कई मायने होते है, और हर रंग खुद में एक अलग सन्देश देता है..तो आइऐ जानते हैं होली के रंगों का महत्व क्या है और हमें कौन सा रंग किसे लगाना चाहिए.
लाल रंग
वैसे तो लाल रंग अपने आप में ही अलग मायने रखता है लाल रंग हर उम्र के लोगों को खूब भाता है. वही होली में जो रंग सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. यह लाल रगं प्रेमियों का भी प्रतीक माना जाता है साथ ही महत्वाकांक्षा, उत्तेजना, क्रोध, उत्साह, पराक्रम और साहस इन सभी का प्रतीक लाल रंग है.इसलिए होली में युवाओं और बच्चों को लाल रंग का गुलाल लगाना चाहिए.जो होली में ऊर्जा प्रदान करता है..
पीला रंग
पीले और लाल रंग का इस्तेमाल होली पर खूब किया जाता है. पीला रंग लगने के बाद चेहरे की सुन्दरता बढ जाती है पीले रंग को खुशी और सम्मान का भी प्रतीक माना जाता है. इसलिए पीले रंग के गुलाल अपनी बहनों और घर की अन्य महिलाओं पर लगाना चाहिए..
हरा रंग
हरा रंग हरियाली का प्रतीक माना जाता है.जो हमें शीतलता, सुकून, ताजगी और सकारात्मक ऊर्जा देता है इस रंग से तनाव भी दूर होता है. इसलिए होली के त्योहार पर हरे रंग के गुलाल अपने से बड़े लोगों को लगाना चाहिए. जैसे भाई, रिश्तेदार और जो भी हमसे बड़े हैं उन्हें लगा सकते हैं.
नारंगी रंग
नारंगी रंग को खुशहाली का प्रतीक माना जाता है. होली के दिन नारंगी रंग के गुलाल को भी बहुत से लोग पसन्द करते है और एक दूसरे को लगाते हैं. नारंगी गुलाल को हम अपने करीबी यार-दोस्तों और अपने परिजनों को लगा सकते हैं इससे आपसी प्यार और रिश्ते में खुशहाली आती है.
रिपोर्ट: मेहक मिश्रा
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