धनबाद(DHANBAD) : मोदी 3.0 की सरकार में कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई बीसीसीएल पर कोयला मंत्रालय की कड़ी नजर है. केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी जुलाई में धनबाद आए थे, तो केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री सतीश दुबे सितंबर महीने में धनबाद आये. दोनों मंत्रियों ने बीसीसीएल के कार्यों की समीक्षा की. हालात को देखा, परिस्थितियों को जाना, विस्थापन के मुद्दे को भी नजदीक से देखा. यह अलग बात है कि संशोधित झरिया मास्टर प्लान अभी केंद्र के पास है और इसे अनुमति मिलने की प्रतीक्षा की जा रही है. लेकिन उसके बाद बीसीसीएल प्रबंधन ने एक झटके में 16 बड़े अधिकारियों का तबादला कर दिया है. यह सभी अधिकारी कोयला खनन के कार्यों से जुड़े है.
इन तबादलों के पीछे कई वजह गिनाये जा रहे
जिन अधिकारियों का तबादला हुआ है, उनमें महाप्रबंधक, मुख्य प्रबंधक से लेकर वरीय प्रबंधक तक के अधिकारी शामिल है. इतने बड़े पैमाने पर तबादले के पीछे कई कारण गिनाये-बताए जा रहे है. जानकारी निकलकर आ रही है कि विजिलेंस विभाग ने भी स्पष्ट कर दिया था कि जिन अधिकारियों का कार्यकाल 3 साल पूरा हो गया है अथवा जिनकी उपलब्धि सही नहीं है. उन्हें बदल दिया जाए. कोयला मंत्रियो का दौरा भी एक कारण बताया जा रहा है. फिलहाल अवैध उत्खनन और आउटसोर्सिंग कंपनियों के साथ रिश्ते को लेकर कई बीसीसीएल के अधिकारी चर्चे में है. कहा तो यह भी जाता है कि कई आउटसोर्सिंग कंपनियां शर्तों का अनुपालन नहीं करती है, बावजूद उन्हें तरह-तरह से लाभ दिया जाता है. इन कार्यों में ऐसे अधिकारियों की बड़ी भूमिका होती है. यह अलग बात है कि कोयला चोरी रोकने के लिए बीसीसीएल कई अत्याधुनिक उपाय किए है. लेकिन इसका असर जमीन पर कहीं दिखता नहीं है.
CISF पर प्रतिवर्ष लगभग 200 करोड रुपए का खर्च
बीसीसीएल CISF पर प्रतिवर्ष लगभग 200 करोड रुपए से अधिक खर्च करती है. बावजूद एक पुराने आंकड़े के अनुसार 10 मिलियन टन कोयले की चोरी हो जाती है. चोरी में रिमोट से गैंग चलाने वाले लोग शामिल होते है. यहां तक की आउटसोर्सिंग कंपनियां भी प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से इसमें शामिल रहती है. कोयले की ट्रांसपोर्टेशन में भी गड़बड़ी की शिकायत लगातार मिलती रहती है. यही वजह है कि खनन टास्क फ़ोर्स के अधिकारी जिस दिन भी सड़क पर निकलते हैं, अवैध कोयला लोड वाहन पकड़ में आ जाते है. चर्चा तो यह भी है कि कोयला मंत्रियों के दौरे के बाद बीसीसीएल मैनेजमेंट सजग और चौकस हुआ है. विजिलेंस की रिपोर्ट को भी ध्यान में रखा गया है और एक झटके में 16 अधिकारियो का तबादला कर दिया गया है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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