BCCL: कोयला कर्मियों-अधिकारियो के लिए एक बड़ी राहत की खबर, पढ़िए-कैसे मिल जाएगा बाबुओं से छुटकारा !


धनबाद (DHANBAD) : देस ही नहीं दुनिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया की सबसे बड़ी इकाई बीसीसीएल के कर्मचारी-अधिकारियो के लिए एक बड़ी सुविधा का खाका खींच लिया गया है, कहा तो जाता है कि ऐसे तत्काल प्रभाव से लागू भी कर दिया गया है. अब कर्मचारियों -अधिकारियो को बाबुओं के टेबल तक नहीं जाना पड़ेगा. उनकी चिरौरी नहीं करनी पड़ेगी. मुद्रामोचन से भी वह बच सकेंगे. इससे अवकाश ग्रहण करने वाले, इस्तीफा देने वाले, सेवा समाप्ति या मौत जैसे सभी मामलों में कर्मचारी या उनके आश्रितों को बड़ी राहत मिलेगी. जानकारी के अनुसार बीसीसीएल ने सेवानिवृत होने वाले अधिकारियों -कर्मचारियों को नो dues सर्टिफिकेट की प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और समयबद्ध बनाने के लिए एक नई एसओपी जारी कर दी है.
यह नई व्यवस्था सैप आधारित होगी और कैसे करेगा काम
यह नई व्यवस्था सैप आधारित होगी. इसमें रिटायरमेंट, इस्तीफा, सेवा समाप्ति या मौत जैसे सभी मामलों में नो dues प्रमाण पत्र की प्रक्रिया तेजी से पूरी की जा सकेगी. यह नीति तत्काल प्रभाव से लागू करने का दावा किया गया है. प्रबंधन का विश्वास है कि इस डिजिटल प्रक्रिया से कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी. कर्मचारी और अधिकारियों को अब बाबू के टेबल का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. इस नई नीति का उद्देश्य कर्मचारियों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करना और लंबी और मैन्युअल प्रक्रिया को खत्म करना है. अब सभी यूनिट, क्षेत्र, अस्पतालों व विभागों को अपने-अपने स्तर से आवश्यक डाटा ऑनलाइन देना होगा. इसे सैप मॉड्यूल में अपलोड कर संबंधित विभाग अध्यक्ष ऑनलाइन अनुमोदन देंगे.
हर माह के 16 तारीख को सैप सिस्टम खुद रिटायरमेंट एक्शन ट्रिगर करेगा
हर माह के 16 तारीख को सैप सिस्टम खुद रिटायरमेंट एक्शन ट्रिगर करेगा. इसके बाद विभागा अध्यक्षों को ईमेल के माध्यम से लिंक प्राप्त होगा. जिसके जरिए वह ऑनलाइन नो dues को मंजूरी दे सकेंगे. सभी अनुमोदन के पूरे होते ही सिस्टम में अंतिम नो dues सर्टिफिकेट जनरेट हो जाएगा. यदि कोई विभाग 20 दिन के अंदर प्रक्रिया पूरी नहीं करता है, तो उसकी वजह रिकॉर्ड की जाएगी. हर माह की 26 तारीख को लंबित मामलों की विस्तृत रिपोर्ट बड़े अधिकारियों को भेजी जाएगी. यह कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत की खबर है. अमूमन ऐसा देखा जाता है कि नो dues सर्टिफिकेट के लिए कर्मचारी और अधिकारियों को परेशान किया जाता है. परेशान अधिकारी या कर्मचारी सीबीआई तक की शरण में जाते है. और पूर्व में कई ट्रैपिंग के मामले भी सामने आए है. इस व्यवस्था के लागू होने से अधिकारी और कर्मचारियों को बड़ी राहत मिल सकती है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
4+