धनबाद(DHANBAD): धनबाद में संचालित कोल इंडिया की सहायक कंपनी भारत कोकिंग कोल् लिमिटेड (बीसीसीएल) पर अभी तो कोल इंडिया का भरोसा कायम है. लेकिन यह भरोसा कितने दिनों तक बना रहेगा. यह कहना थोड़ा कठिन है. बीसीसीएल उत्पादन के लक्ष्य पीछे चल रही है. यह अलग बात है कि चालू वित्तीय वर्ष के तीसरे क्वार्टर में भी वह मुनाफे में है. लेकिन कोयले के डिस्पैच में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है और यह खतरे का संकेत है. बीसीसीएल बोर्ड की बैठक में भी इस पर चिंता जाहिर की गई है.
बीसीसीएल को हुआ है केवल 1100 करोड़ का मुनाफा
ऑफिशियल आंकड़ा तो जारी नहीं किया गया है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि चालू वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही तक 1100 करोड़ का बीसीसीएल को मुनाफा हुआ है. उत्पादन घटा है, 2024 का दिसंबर महीना कंपनी के लिए उत्साहजनक नहीं रहा. प्रोडक्शन एवं डिस्पैच के आधार पर गणना की जाए, तो पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि से पीछे है. दिसंबर 2024 तक बीसीसीएल का कुल उत्पादन 29.7 मिलियन टन है. जबकि चालू वित्तीय वर्ष का कंपनी को लक्ष्य 45 मिलियन टन दिया गया है. यानी कंपनी को अभी भी लक्ष्य पूरा करने के लिए 16 मिलियन टन कोयले का उत्पादन करना होगा. यह काम बहुत आसान नहीं है.
हर महीने 5 मिलियन टन से अधिक का उत्पादन का लक्ष्य
हर महीने 5 मिलियन टन से अधिक का उत्पादन कठिन कार्य बताया गया है. वैसे भी, देखा जाए तो बीसीसीएल मैनेजमेंट पूरी तरह से आउटसोर्स कंपनियों पर आश्रित है. निजी कर्मचारियों से उत्पादन करने के बजाय कंपनी का भरोसा आउटसोर्स कंपनियों पर है. आउटसोर्स कंपनियां अगर उत्पादन में सहयोग करेंगी , तो बीसीसीएल लक्ष्य के करीब पहुंच सकता है. वैसे भी एक आउटसोर्सिंग कंपनी को लेकर धनबाद के बाघमारा में बवाल मचा हुआ है. आउटसोर्सिंग कंपनी के मालिक भी जांच के घेरे में है, तो गोविंदपुर एरिया के महाप्रबंधक भी जांच के दायरे में है. बीसीसीएल कोल इंडिया की सबसे बड़ी उत्पादक कंपनी है. महत्वपूर्ण बात है कि यहां से कोकिंग कोयले का उत्पादन होता है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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