धनबाद(DHANBAD): बाघमारा कांड के बाद धनबाद पुलिस आशा कोठी के साथ किसी भी नरमी के मूड में नहीं है. रोज सीनियर अधिकारियों का दौरा हो रहा है. ताबड़तोड़ छापे मारे जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश की तर्ज पर क्या आशा कोठी में भी पुलिस का बुलडोजर गरजेगा. यह सवाल भी बड़ा हो गया है. आशा कोठी के जमीन की मापी शुरू कर दी गई है. इस पूरे घटनाक्रम के किंगपिन कारू यादव के मार्केट कंपलेक्स की भी जांच शुरू हो गई है. सूत्र बताते हैं की आशा कोठी में या तो पुलिस का बुलडोजर गरजेगा या फिर नए कानून में जो पुलिस को संगठित अपराध करने वालों की संपत्ति जब्त करने का अधिकार मिला है, उसका उपयोग करेगी.
सोमवार को एसएसपी, ग्रामीण एसपी के नेतृत्व में भी आशा कोठी में छापेमारी की गई
धनबाद के इतिहास में यह पहला मामला है जब किसी घटना के आरोपियों को गिरफ्तारी के लिए 30 टीम काम कर रही है. यह टीम झारखंड बिहार और बंगाल में ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है. लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है. उन्हें जेल भेजा जा रहा है. सोमवार को एसएसपी, ग्रामीण एसपी के नेतृत्व में भी आशा कोठी में छापेमारी की गई. आशा कोठी में पुलिस को कोयले का इतना बड़ा भंडार मिल रहा है कि कोयला उठाने में हाईवा भी हाफ जा रहे हैं. अभी भी कोयला उठाने का काम जारी है.
आशा कोठी में रहकर संगठित गिरोह चला रहे कुछ लोग: एसएसपी
सोमवार को आशा कोठी पहुंचे एसएसपी ने कहा कि बिहार के जमुई और अन्य जगह के कुछ लोग फुलारी टांड़ की आशा कोठी में रहकर संगठित गिरोह चला रहे हैं. यह लोग संगठित रूप से कोयले की तस्करी और चोरी भी कर रहे हैं. एसएसपी बीसीसीएल के महाप्रबंधक के एक्शन से भी नाराज थे. उन्होंने कहा कि चाहर दीवारी निर्माण के पहले पुलिस प्रशासन को प्रबंधन की ओर से कोई सूचना नहीं दी गई थी. स्थानीय थाना को भी नहीं बताया गया था. प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा था कि जब तक ग्रामीणों की समस्या का समाधान नहीं हो जाता, तब तक निर्माण कार्य नहीं कराया जाए. फिर भी निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया.
हिल टॉप राइजिंग आउटसोर्सिंग के मालिक और बीसीसीएल के महाप्रबंधक जांच के दायरे में
वैसे कोयलांचल में आउटसोर्सिंग कंपनियों के अस्तित्व में आने के बाद पहली बार हिल टॉप राइजिंग आउटसोर्सिंग के मालिक और बीसीसीएल के महाप्रबंधक जांच के दायरे में हैं .इस मामले में गिरिडीह के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है. बताया जाता है कि सोमवार को एसएसपी के नेतृत्व में दोपहर 2 बजे के बाद भारी संख्या में पुलिस टीम ने आशा कोठी खटाल में सर्च अभियान चलाया. इस दौरान पूरे खटाल में सन्नाटा पसरा था. कई घरों में ताले लगे थे तो कई में सिर्फ कुंडी लगी थी. बाघमारा अंचल की टीम खटाल एवं आसपास की जमीन की मापी की.कारू यादव के मार्केट कॉम्लेक्स की भी जांच हो रही है.
इधर, सोमवार को आजसू ने धरना दिया और चेतावनी दी कि गिरिडीह के सांसद पर किया गया मुकदमा, अगर नहीं हटाया गया तो चक्का जाम किया जाएगा. इधर यादव महासभा ने कहा है कि खरखरी की घटना निंदनीय है. यादव समाज इसकी निंदा करता है. समाज भी दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करता है, लेकिन यह भी उनका डिमांड है कि निर्दोष लोगों को इस मामले में नहीं फंसाया जाए. जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई हो लेकिन निर्दोष लोगों को नहीं जेल भेजा जाए.
कारू यादव की गिरफ्तारी के लिए पुलिस कई राज्यों को खंगाल रही
वैसे कारू यादव की गिरफ्तारी के लिए पुलिस कई राज्यों को खंगाल रही है. पुलिस का एक्शन बता रहा है कि पुलिस उसे पताल से भी ढूंढ निकालेगी. सवाल यह उठता है कि आखिर कारू यादव अवैध धंधे की बदौलत अकूत संपत्ति का मालिक कैसे बन गया? सूत्र बताते हैं कि कारू यादव 15-20 साल पहले आशा कोठी आया था .उसके बाद यही का होकर रह गया. पहले वह खलासी था. इसके बाद भाड़े पर कार चलाने लगा. फिर कोयला, लोहा चोरी करने के लिए संगठित गिरोह बना लिया. अपने को सुरक्षित रखने के लिए राजनीतिक दल का सहारा लिया और फिर धीरे-धीरे क्षेत्र में वर्चस्व कायम कर लिया.उसके बाद फिलहाल वह पुलिस के लिए चुनौती बन गया है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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