टीएनपी डेस्क(TNP DESK): झारखंड में इन दिनों सम्मेद शिखरजी का विवाद चल रहा है. जैन समाज के लोगों की मांग पर केंद्र ने इस स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने पर रोक लगा दी. लगा था कि ये विवाद अब समाप्त हो जाएगा. मगर, फिर आदिवासी समाज इस स्थल को मरांग बुरु घोषित करने की मांग लेकर सड़क पर उतर आए. इसका नेतृत्व झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम कर रहे हैं. लोबिन हेम्ब्रम लगातार अपने ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. मगर, अब वे मुश्किल में घिरते नजर आ रहे हैं. उन्हें जेल जाना पड़ सकता है. उनपर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप है. इसे लेकर उनके खिलाफ दिल्ली में केस दर्ज कराया गया है.
लोबिन हेम्ब्रम के खिलाफ दिल्ली में केस
बता दें कि मामला जैन मुनियों पर अभद्र टिप्पणी से जुड़ा हुआ है. इसे लेकर दिल्ली में संजय जैन नामक व्यक्ति ने बोरियो विधानसभा सीट से झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम खिलाफ केस दर्ज कराया है. इससे पहले गोड्डा मुफस्सिल थाना और ललमटिया में भी विधायक लोबिन हेम्ब्रम के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है. इस मामले में दिल्ली के शिकायतकर्ता ने पुलिस को सबूत भी पेश किए हैं.
लोबिन हेम्ब्रम पर आरोप है कि 10 जनवरी को गिरिडीह जिला के मधुबन स्थित थाना मैदान में आदिवासियों का महाजुटान हुआ था. इसी दौरान अपने संबोधन के दौरान लोबिन हेम्ब्रम ने जैन मुनियों पर अभद्र टिप्पणी की थी. इसके पहले भी एक प्रेस वार्ता में लोबिन हेम्ब्रम ने जैन मुनियों की वेशभूषा पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी.
आदिवासी और जैन समाज आमने-सामने
बता दें कि गिरिडीह के पारसनाथ पहाड़ को लेकर आदिवासी समाज और जैन समाज आमने-सामने हैं. जैन समाज ने इस स्थल को पर्यटन शटल घोषित किए जाने को लेकर आंदोलन किया. जिसके बाद केंद्र सरकार ने इस पर रोक लगा दी. वहीं आदिवासी समाज सरकार पर पारसनाथ को जैन समाज को सौंप देने का आरोप लगा रहे हैं. और इस स्थान को मरांग बुरु घोषित करने की मांग कर रहे हैं.
जैन समाज के लोगों का कहना है कि उन्हें आदिवासी समाज की मांगों से कोई आपत्ति नहीं है. सबको अपनी मांग रखने का अधिकार है. लेकिन जैन मुनि के विरुद्ध जिस तरह से अमर्यादित टिप्पणी की जा रही है, उससे उन्हें आपत्ति है. इस पर रोक लग्नी चाहिए.
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