रांची(RANCHI): बड़हरवा टोल विवाद मामले में HC में आज सुनवाई हुई. न्यायाधीश एसके द्विवेदी की अदालत में अदालत ने सुनवाई करते हुए माना कि इस मामले में सही तरीके से जांच नहीं हुई है. इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार से पूछा कि मामले की जांच 27 मिनट में कैसे पूरी कर ली गई. मामले में राज्य सरकार और प्रतिवादी ने कोर्ट से समय मांगा. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में भी मामला लंबित है. जिसके बाद कोर्ट ने सुनवाई की अगली तिथि 16 जनवरी को मुकर्रर की.
क्या है मामला?
बता दें कि साहिबगंज के बरहरवा थाने में टोल प्लाजा टेंडर विवाद में पंकज मिश्रा और आलम गिर आलम को पुलिस ने क्लीन चीट दे दी थी. इसे लेकर शंभू नंदन कुमार ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि पंकज मिश्रा ने धमकी दिया था कि टेंडर में भाग नहीं ले. पंकज मिश्रा की ये धमकी टेलिफोनिक थी. मगर, पुलिस ने इस रिकॉर्डिंग की फॉरेंसिक जांच नहीं कराई. इसके साथ ही पुलिस पर आरोप है कि आधे घंटे में 14 गवाहों का बयान लेकर पुलिस ने मामले में पंकज मिश्रा और मंत्री आलमगीर आलम को क्लीन चिट दी थी. प्रार्थी ने आरोप लगाया कि मामले की जांच को प्रभावित करने के लिए इन दोनों को पुलिस ने क्लीन चीट दी है. इसके साथ ही प्रार्थी ने कोर्ट से इस मामले में सीबीआई जांच का आग्रह किया है.
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