रांची(RANCHI): झारखंड सरकर द्वारा बनाई गई नियोजन नीति 2021 को हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है. तभी से इसे लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है. नियोजन नीति का मुद्दा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी जोर शोर से उठ रहा है और विपक्ष लगातार सरकार से सवाल कर रही है. सत्र के चौथे दिन भी सदन में ये मुद्दा छाया रहा. भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने सदन में जमकर सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि हम कोई पर्दे के पीछे से नियोजन नीति पर सवाल नहीं उठा रहे हैं. सरकार ने ऐसी नियोजन नीति बनाई जो कोर्ट में नहीं टिक सकी. इस नियोजन नीति को लेकर विधि सलाहकार ने पहले भी इसमें त्रुटि बताया था. लेकिन यह सरकार लोगों को उलझाने में लगी है. बाबूलाल ने कहा कि स्थानीय नीति और नियोजन नीति राज्य सरकार खुद नहीं बना कर दूसरे के कंधे पर डालने का काम कर रही है. राज्य में लूट मची है, इससे बचने के लिए सरकार आनन-फानन में ऐसा काम कर रही है.
हाई कोर्ट ने नियोजन नीति किया रद्द
बता दें कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) नियुक्ति नियमावली को चुनौती देने को लेकर दायर याचिका पर 16 दिसंबर को झारखंड हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रविरंजन एवं न्यायधीश सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने सभी पक्षों की ओर से बहस और दलीलें सुनने के बाद नियोजन नीति पर अपना फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2021 में पारित नियोजन नीति (JSSC रूल्स संशोधन) को रद्द कर दिया. हाईकोर्ट के आदेश के बाद वैसे अभ्यर्थी भी JSSC द्वारा ली जाने वाली नियुक्ति प्रतियोगिता में शामिल हो सकते हैं. जिन्होंने झारखंड के बाहर दसवीं और बारहवीं की पढ़ाई की है. मगर, इसके साथ ही इस नियोजन नीति के तहत जितनी भी नियुक्ति प्रक्रिया चल रही थी वो सभी रद्द कर दी गई.
रिपोर्ट: समीर हुसैन, रांची
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