दुमका (DUMKA) : राजनीति में कोई किसी का ना तो स्थायी दोस्त होता है और ना ही स्थायी दुश्मन. झारखंड के परिदृश्य में भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी और कांग्रेस नेता प्रदीप यादव इसका सबसे बेहतर उदाहरण माना जा सकता है. दोनों ने भाजपा से राजनीति की शुरुवात की. बाद में दोनों भाजपा से अलग होकर झारखंड विकास मोर्चा नामक राजनीतिक दल बनाया. झाविमो रूपी रथ पर बाबूलाल मरांडी सवार रहे तो सारथी की भूमिका में रहे प्रदीप यादव.
2019 के बाद प्रदीप यादव और बाबूलाल की राहें जुदा
एक दौर वह भी रहा जब दोनों एक दूसरे का बचाव करते थे. दुमका परिसदन में 21 सितंबर 2017 के दृश्य भला कोई कैसे भूल सकता जब केंद्रीय कारा से निकलने के बाद प्रदीप यादव परिसदन में बाबूलाल से मिले थे. दोनों को गले मिलते देख लोगों को लगा कि वनवास से लौटकर राम और भरत का मिलन हो रहा है. लेकिन यह मिलन ज्यादा दिनों तक नहीं चला. वर्ष 2019 के विधान सभा चुनाव के बाद दोनों की राहें जुदा हो गयी. बाबूलाल मरांडी घर वापसी कर कमल का दामन थाम लिया तो प्रदीप यादव ने पंजा से हाथ मिला लिया. समय बदला, परिस्थिति बदली. कभी एक दूसरे के बचाव में बयान देने वाले बाबूलाल मरांडी और प्रदीप यादव एक दूसरे पर व्यंगवाण चलाने से बाज नहीं आते.
कुत्ता थोड़े काटा है जो हेमंत सोरेन के पीछे जाएंगे- बाबूलाल मरांडी
ताजा मामला भी बहुत कुछ ऐसा ही है.दरअसल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और सीएम हेमंत सोरेन कुछ दिन पूर्व संथाल परगना प्रमंडल के दौरे पर थे. दोनों नेता एक दूसरे पर जमकर शब्दबाण चलाये. उस वक्त सीएम हेमंत सोरेन का एक बयान आया कि भाजपा ने मेरे पीछे एक नेता को लगा रखा है. जहां जहां हम जाते हैं वहीं वहीं भाजपा नेता पहुच जाते हैं. मंगलवार को बाबूलाल मरांडी सीएम हेमंत सोरेन के बरहेट विधान सभा के उस गांव में पहुचे थे जहाँ अज्ञात बीमारी से आधा दर्जन बच्चों की मौत हुई थी. वहां से लौटने पर गोड्डा में जब पत्रकारों ने उनसे सीएम के आरोप के बाबत पूछा तो बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हमें कुत्ता थोड़े ही काटा है जो हेमंत सोरेन के पीछे-पीछे जाएंगे. उन्होंने कहा कि उग्रवाद की परवाह किये बगैर हमेशा गांव, पहाड़ और जंगल घूमते रहते है. पिछलग्गू तो हेमंत सोरेन और झामुमो के लोग हैं.
गिरगिट की तरह रंग बदलते रहते हैं बाबूलाल- प्रदीप यादव
बाबूलाल के इस बयान पर कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने पलटवार किया है. दुमका परिसदन में आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी को कुत्ता तो नहीं काटा है लेकिन गिरगिट जरूर छू लिया है. तभी तो वे गिरगिट की तरह रंग बदलते रहते हैं. प्रदीप ने कहा कि कभी पानी पी-पी कर भाजपा की बखिया उधेड़ते थे, कहते थे कि अगर भाजपा दूसरी बार केंद्र में सत्ता में आई तो जनता को कटोरा लेकर भीख मांगना पड़ेगा, वही बाबूलाल आज भाजपा और नरेंद्र मोदी की तारीफ करते नहीं थकते. जो भी हो चुनाव जैसे जैसे नजदीक आएगा नेताओं के सुर बदलते रहेंगे.
रिपोर्ट: पंचम झा
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