देवघर(DEOGHAR): आर्थिक रुप से कमजोर लोग भी बेहतर स्वास्थ्य चिकित्सा का लाभ उठा सके. इसके लिए अप्रैल 2018 में पीएम जन आरोग्य योजना शुरू हूई. आयुष्मान भारत के नाम से जाना जाने वाला इस योजना के तहत प्रति व्यक्ति को 5 लाख तक का मुफ्त चिकित्सीय लाभ दिया जाता है.
लेना होगा गुणवत्ता प्रमाण पत्र
आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना वाले सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल को अब इसके संचालन के लिए क्वालिटी एश्योरेंस सर्टीफिकेट लेना आवश्यक हो गया है. होजन के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों को तीन प्रकार का सर्टिफिकेशन किया जाना है. अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं के अनुसार गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज़ का सर्टिफिकेशन लेना है. किसी भी अस्पताल को आयुष्मान योजना से जुड़ने के लिए कम से कम ब्रॉन्ज सर्टिफिकेट प्राप्त करना होगा. सर्टिफिकेट के अनुसार मरीज जान पाएंगे की किस अस्पताल में किस तरह का इलाज हो सकता है. मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए मंत्रालय द्वारा यह निर्णय लिया गया है. सर्टिफिकेशन के लिए तय मापदंड को पूरा करने के लिए दो माह का समय निर्धारित किया गया है. अगर तय समय तक अस्पताल अपना गुणवत्ता के अनुसार सर्टिफिकेशन नहीं करवाते है तो उस अस्पताल को आयुष्मान सुविधा से वंचित कर दिया जाएगा.
देवघर में 9 जिलों के सूचीबद्ध अस्पतालों के प्रतिनिधियों की हुई प्रशिक्षण
देवघर के एक निजी होटल के सभागार में संताल परगना के सभी 6 जिलों के अलावा कोडरमा, गिरिडीह और धनबाद जिला के सूचीबद्ध अस्पताल के प्रतिनिधियों का प्रशिक्षण गुरुवार को आयोजित की गई. नेशनल हेल्थ ऑथोरिटी और स्टेट हेल्थ ऑथोरिटी के प्रतिनिधियों द्वारा मौजूद अस्पताल संचालको को प्रशिक्षण दिया गया. इसमें सर्टिफिकेशन के लिए अनिवार्यता क्या-क्या होगी उसकी विस्तृत जानकारी दी गयी. इतना ही नहीं आयुष्मान कार्ड को बनाने के लिए भी प्रशिक्षित और प्रेरित किया गया है.
देवघर में आज से लगेगा कैम्प
आयुष्मान भारत और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ हर जरूरतमंद लोगों को मिले इसके लिए आज से जिला भर में शिविर लगाया जा रहा है. सिविल सर्जन डॉ जुगलकिशोर चौधरी द्वारा फिलहाल पंचायत स्तर पर कैम्प लगाकर आयुष्मान कार्ड बनाने का निर्देश दिया गया है. साथ ही इनके द्वारा लाल,पिला और हरा राशनकार्ड धारकों से आयुष्मान कार्ड बनवाने की अपील भी की गई है. आपको बता दें कि पीएम जन आरोग्य योजना में सिर्फ लाल कार्ड धारकों का ही आयुष्मान कार्ड बनाया जाता है लेकिन मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में ऐसी बाध्यता नहीं है.
सर्टिफिकेशन के कैटगरी के आधार पर अस्पतालों की गुणवत्तापूर्ण इलाज होने की जानकारी अब सीधा मरीज को उपलब्ध हो जाएगी. ताकि मरीज अपना बेहतर से बेहतर इलाज करवा सके. आयुष्मान कार्ड धारियों के इलाज में अस्पताल द्वारा कई बार फ़र्ज़ी बिल के आधार पर सरकार से राशि उठाने की शिकायत बीच-बीच मे सुर्खियों में आती रहती है. सर्टिफिकेशन होने और मरीज की सजगकता से इसपर अंकुश लगने की संभावना जताई जा रही है.
रिपोर्ट. रितुराज सिन्हा
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