टीएनपी डेस्क(Tnp desk):- क्रिसमस तो मनाया जा रहा है और नये साल की खुमारी अभी आनी बाकी है. लेकिन, इस जश्न और धामा चौकड़ी के चक्कर में गाड़ी सड़क पर संभल कर चलायेगा . अगर रोड पर शराब के नशे में गाड़ी चलाते पुलिस के हाथों पकड़े गये तो सीधे जेल की हवा खानी पड़ेगी. राजधानी रांची में इसे लेकर विभिन्न जगहों पर ट्रैफिक पुलिस औचक निरीक्षण कर रही है. रविवार को रांची ट्रैफिक पुलिस की ओर से रिंग रोड इलाके के दलादली, रामपुर, नेवरी और पतरातू रोड में अभियान चलाया गया. ऐसे में लोगों को नये साल जश्न तरीके और सलीके से मनाने की जरुरत है. .
ड्रंक एंड ड्राइव रोकने की विशेष तैयारी
राजधानी रांची की ट्रैफिक पुलिस नशे में मतवाले होकर गाड़ी चलाने वाले को बख्शने के मूड में नहीं है. ड्रंक एंड ड्राइव रोकने को लेकर ट्रैफिक के जवान ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट के लिए ड्यूटी पर तैनात रहेंगे. 31 दिसंबर औऱ 1 जनवरी को लेकर विशेष अभियान चलाया जाएगा. नियम के मुताबिक नशे में वाहन चलाते वक्त पकड़े जाने के बाद आरोपी को अदालत 15 हजार रुपए तक जुर्माना के साथ दो साल तक जेल की सजा सुना सकती है. .
सड़क हादसे को रोकने के लिए विशेष पहल
ट्रैफिक पुलिस ने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए 31 दिसंबर और एक जनवरी को रैंडम ड्रंक एंड ड्राइव जांच अभियान चलायेगी. इसमे खास बात ये है कि, यह कहां चलेगा इसकी जानकारी पुलिस ने किसी को नहीं बताया है. इस अभियान में लालपुर, कोतवाली, गोंदा और जगन्नाथपुर ट्रैफिक थाना प्रभारी के अलावा दोनों ट्रैफिक डीएसपी भी शामिल रहेंगे. इस रैंडम जांच अभियान में लोकल थाने को भी शामिल किया जाएगा. ट्रैफिक पुलिस को 20 ब्रेथ एनालाइजर दिए गए हैं.
नशे के चलते जा रही जान
रांची परिवहन विभाग के आंकड़े बताने के लिए काफी है कि कैसे नशे में गाड़ी चलाना खतरनाक औऱ जनलेवा है. इसका शिकार कम उम्र के नौजवान बन रहे हैं, जो मदहोशी में अपनी जान गंवा रहे हैं. नशे के चलते जान 18 से 30 की उम्र के युवा हो रहे हैं. आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर में कुल 64 सड़क हादसे हुए हैं. जिनमे 44 लोगों की मौत हो गई थी, वही 38 लोगों जख्मी हुए थे. इस साल जनवरी 2023 में 64 दुर्घटनाएं हुई, जिसमे 41 लोगों की मौत हो गई, जबकि 35 बुरी तरह से जख्मी हुए. फरवरी 2023 में 38 लोग सड़क हादसे के शिकार बनें.
सड़क हादसे की मुख्य वजह
सड़क हादसे के पीछे जो वजह अक्सर देखने को मिली है. उसमे बिना हेलमेट सवारी, तेज रफ्तार, शराब और ईयर बर्ड-हेडफोन का इस्तेमाल करना है. पिछले दो साल के आंकड़ों को देखे जो डरवानी तस्वीर पेश करती है. 2021 में हुए सड़क हादसों पर गौर फरमाएं तो 448 लोगों ने अकाल मौत देखा था. वहीं साल 2022 में कुल 450 लोग सड़क हादसे में अपनी जान गंवाई थी
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