धनबाद(DHANBAD):अगर शनिवार को धनबाद के एसएसएलएनटी महिला कॉलेज में अन्य शिक्षकों ने असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ बीना झा शर्मा को फांसी लगाते नहीं देखा होता,तो बड़ी घटना घट सकती थी. शनिवार को उन्होंने कॉलेज परिसर में ही आत्महत्या करने की कोशिश की. घटना दोपहर 3 बजे के बाद की है .शिक्षिका ने इतिहास विभाग के कक्ष में खुद को बंद कर लिया और पंखे के सहारे दुपट्टा का फंदा बनाकर झूलने जा रही थी. तभी बाहर से अन्य शिक्षकों ने उन्हें ऐसा करते देख लिया और चिल्लाने लगे. फिर भी वो फंदे से झूल गई.
SSLNT महिला कॉलेज मेंअसिस्टेंट प्रोफेसर ने की फांसी लगाने की कोशिश
जिसके बाद आनन-फानन में कॉलेज के कर्मियों ने इतिहास विभाग का दरवाजा तोड़कर समय रहते उन्हें पकड़ लिया. उनकी जान बच गई. उन्हें फौरन पास के नर्सिंग होम में ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद जाने के लिए कह दिया. इसके बाद डॉक्टर बीना शर्मा फिर कॉलेज आ गई और प्राचार्य पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया. उनका आरोप था कि जब से वो इस कॉलेज में आई है. प्राचार्य उन्हें प्रताड़ित कर रही है. शनिवार को प्राचार्य ने सारी सीमाएं लांघ दी. इससे वो इतनी आहत हुई कि उस वक्त उन्हें अपनी जान देना ही एकमात्र विकल्प दिखा. डॉक्टर बीना झा शर्मा के पति डॉ एस के शर्मा बी एस सिटी कॉलेज बोकारो और धनबाद के पीके रॉय कॉलेज के पूर्व प्राचार्य हैं. बीना शर्मा का बीएससी कॉलेज से धनबाद स्थानांतरण हुआ है.
प्रोफेसर ने प्राचार्य पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है
घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि महिला कॉलेज में संविदा पर कार्यरत सभी असिस्टेंट प्रोफेसर को अन्य कॉलेजों के अपने समकक्ष से कम मानदेय मिला है. दूसरे कॉलेजों में जहां संविदा पर कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसरों को पूरे 57 हजार 7 सौ मिला था, वहीं एसएसएलएनटी महिला कॉलेज की शिक्षिकाओं को 20 हजार के करीब मानदेय मिला है. इसको लेकर कॉलेज की शिक्षिकाए विरोध कर रही है. इसके लिए उन्होंने कॉलेज की प्राचार्य को जिम्मेवार बता रही है. विरोध करने वाली शिक्षिकाओं का आरोप है कि कॉलेज ने विश्वविद्यालय को गलत बिल भेजा है. इसकी वजह से उन्हें कम मानदेय मिला.
प्राचार्य ने पूरी तरीके से आरोपो से किया इनकार
उधर, प्राचार्य डॉ शर्मिला रानी ने बीना शर्मा के आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि मानदेय के लिए विश्वविद्यालय को सुधार कर बिल भेजा जा रहा है. कॉलेज की ओर से विश्वविद्यालय को पहले गर्मी की छुट्टियों के दौरान ली गई क्लास का बिल भेजा गया था. डॉक्टर बीना शर्मा पूरी छुट्टी के दौरान क्लास ली थी. लेकिन विश्वविद्यालय ने छुट्टियों के दौरान ली गई क्लास का बिल देने से इनकार कर दिया. विश्वविद्यालय ने छुट्टियों के दौरान ली गई क्लास के बदले एकेडमिक बिल देने के लिए कहा है. विश्वविद्यालय के अनुसार फिर से बिल भेजा जा रहा है.
कॉलेज की ओर से प्राचार्य से मांगा गया लिखित पक्ष
वहीं घटना की सूचना पर विश्वविद्यालय की टीम भी पहुंच गई .यह टीम डॉक्टर बीना झा और महिला कॉलेज की प्राचार्य से लिखित रूप से अपना पक्ष देने को कहा है .बहरहाल जो भी हो, इस घटना की चर्चा हर जुबान पर है. लोग कह रहे हैं कि कॉलेज या स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक अगर ऐसा कदम उठाएंगे तो बच्चों पर इसका क्या असर पड़ेगा. विवाद को खत्म करने के और भी तरीके हो सकते थे. हो सकता है कि प्राचार्य और डॉ बीना शर्मा के बीच और कोई विवाद हो, लेकिन इस विवाद के कारण इस तरह के कदम की आलोचना की जा रही है. किसी भी स्तर के शिक्षक हो ,समाज में उनकी अलग प्रतिष्ठा होती है .
कॉलेज परिसर में आत्महत्या की कोशिश पर उठ रहे हैं कई सवाल
अगर वही इस तरह के काम करेंगे तो बच्चों पर इसका असर सही नहीं पड़ेगा. अभी झारखंड में लगभग 8 वर्षों से पारा शिक्षकों के सर्टिफिकेट को लेकर जांच चल रही है.2016 में धनबाद में फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी करते कई पारा टीचरों को पकड़ा गया था. उस समय यह खुलासा हुआ कि गिरिडीह का कोई व्यक्ति फर्जी सर्टिफिकेट बनाने का गैंग चलाता है. मामले का खुलासा होने के बाद उसे जेल भी जाना पड़ा था.
रिपोर्ट- सत्यभूषण सिंह
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