धनबाद(DHANBAD): अमन सिंह हत्याकांड में कथित शूटर रितेश यादव को गिरफ्तार करने वाली मुनीडीह पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो गए है. अब तक मुनीडीह प्रभारी से क्या पूछताछ हुई है, उन्होंने क्या बताया है, इसकी सूचना सार्वजनिक नहीं हुई है. लेकिन मुनीडीह पुलिस सवालों के घेरे में खड़ी है. अगर मुनीडीह पुलिस रितेश यादव को सुंदर महतो के नाम से जेल भेजने के पहले पूरी छानबीन करती, तो हो सकता था कि बदले नाम का खुलासा मुनीडीह पुलिस के पास ही हो जाता.तब पुलिस का एक्शन कुछ और होता. 3 दिसंबर को जब सुंदर महतो उर्फ़ रितेश यादव ने अमन सिंह की हत्या कर दी, तब जांच पड़ताल शुरू हुई और बात निकली कि वह बोकारो जिले के तेलों का सुंदर महतो नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ का रितेश यादव है.
उत्तरप्रदेश के पते की हो गई है पुष्टि
धनबाद पुलिस उसके पते की जांच के लिए प्रतापगढ़ भी गई थी. उसके उत्तरप्रदेश पते की पुष्टि भी हो गई है. अब तक की जांच में यह बात सामने आ रही है कि एक योजना के तहत रितेश यादव जेल पंहुचा था. जेल आने का उसका मकसद अमन सिंह की हत्या करना था. सवाल उठता है कि आखिर मुनीडीह पुलिस को चोरी की बाइक के साथ होने की किसने सूचना दी. बोकारो के रहनेवाले और उत्तरप्रदेश के वाशिंदा की बोली -चाली में भी फर्क होता है. यह बात अलग है कि रितेश यादव के पास सुंदर महतो के नाम का बना हुआ आधार कार्ड भी था.यह भी हो सकता है कि पुलिस इससे धोखा खा गई हो.लेकिन इससे मुनीडीह पुलिस पर सवाल खत्म नहीं होता है.
3 दिसंबर को अमन सिंह की हुई थी हत्या
3 दिसंबर को रविवार का दिन था और उसी दिन रितेश यादव ने अमन सिंह की जेल में गोली मारकर हत्या कर दी. उसके बाद तो हड़कंप मच गया. जांच पड़ताल शुरू हुई और खुलासा हुआ की सुन्दर महतो के नाम से जेल में बंद वास्तव में रितेश यादव है. राज्य सरकार ने इस पूरे मामले की जांच एसआईटी से कराने का निर्णय लिया है. हो सकता है कि एसआईटी की जांच में मुनीडीह पुलिस भी घेरे में आये. अभी तक जितनी जांच हुई है, वह धनबाद जेल की व्यवस्था पर ही केंद्रित थी. उपायुक्त द्वारा गठित समिति ने जो जांच रिपोर्ट दी है, वह भी धनबाद जेल की अव्यवस्था की ओर ही इशारा करती है. इधर, धनबाद पुलिस ने रितेश यादव उर्फ़ सुंदर महतो के साथ उसे अमन सिंह की हत्या में कथित रूप से सहयोग करने वाले सतीश साव और विकास रवानी को भी तीन दिनों के रिमांड पर लिया है. रितेश यादव को दूसरी बार रिमांड पर लिया गया है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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