धनबाद(DHANBAD): धनबाद में सक्रिय फायरिंग गैंग की परते प्याज के छिलके की भांति खुलने लगी है. पुलिस पूछताछ में कई तरह की जानकारी सामने आई है. इस बात के भी सबूत मिले हैं कि धनबाद में यूपी का गैंग ही सक्रिय था. अमन सिंह भी उसी गैंग को सुपारी देता था और वासेपुर का कुख्यात प्रिंस खान भी उसी गैंग से काम करवाता था. यह गैंग उत्तर प्रदेश में एनकाउंटर के डर से भागकर कोयलांचल में शरण लिए हुए था. फिलहाल पुलिस झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश में लगातार छापेमारी कर रही है.
पुलिस का मकसद अमन सिंह के करीबी आशीष रंजन को पकड़ना है
पुलिस का मकसद अमन सिंह के करीबी आशीष रंजन को पकड़ना है. पुलिस का मानना है कि आशीष रंजन अगर पकड़ में आ गया तो अमन सिंह गिरोह पर काबू पा लिया जा सकता है. जिन लोगों को पुलिस ने बोकारो से उठाया है, उनमें वैभव यादव के बारे में कहा जाता है कि वह हार्ड कोर क्रिमिनल है. वह यूपी में किसी गिरोह का सरगना भी रह चुका है. उसके खिलाफ उत्तर प्रदेश में दर्जनों मामले दर्ज हैं. सूत्र बताते हैं कि वैभव यादव उत्तर प्रदेश का ₹25000 का इनामी भी रह चुका है .आजमगढ़ में 2017 में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में उसे 3 गोलियां लगी थी.
बोकारो में रहकर अपराधी धनबाद में घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं
इधर, हाल फिलहाल में यूपी में एनकाउंटर के डर से धनबाद वह चला आया. उसके एक करीबी की 2019 में एनकाउंटर में मौत हो गई थी. उसी के बाद वह उत्तर प्रदेश छोड़ने का मन बनाया. पिछले कई महीनों से वह अमन सिंह गिरोह से जुड़कर रंगदारी के लिए फायरिंग की घटनाओं को अंजाम दे रहा था. सूत्र यह भी बताते हैं कि पुलिस इन अपराधियों को पकड़ने के बाद कोयलांचल में कम से कम आधा दर्जन हत्याकांड के खुलासे से के चंद कदमों की दूरी पर है. धनबाद एसएसपी संजीव कुमार की विशेष टीम ने 4 दिन पहले बोकारो के हरला थाना क्षेत्र से कई लोगों को हिरासत में लिया. पुलिस को जानकारी मिल रही थी कि बोकारो में रहकर अपराधी धनबाद में घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं और देकर फिर बोकारो लौट जा रहे हैं. इस गैंग के सदस्यों के साथ महिलाएं भी हैं और जरूरत के अनुसार उनका भी यह गिरोह उपयोग करता है.
धनबाद जेल में बंद गैंग्स के लोगों की बढ़ रही चिंताएं
हाल के दिनों में धनबाद बोकारो में अपराध की गतिविधियां बढ़ गई थी. रंगदारी के लिए ताबड़तोड़ फायरिंग कराई जा रही थी. पुलिस अधिकारियों तक को धमकी दी जा रही थी, लेकिन अभी पुलिस रंग में दिख रही है. और अगर गैंग के सभी लोगों को सलाखों के पीछे भेजा दिया गया तो धनबाद में शांति बहाल हो सकती है. इधर, पुलिस की कार्रवाई जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, धनबाद जेल में बंद गैंग्स के लोगों की चिंताएं भी बढ़ रही है. पकड़े गए लोग धीरे-धीरे टूट रहे हैं और पुलिस को सब कुछ साफ-साफ बता रहे हैं. पुलिस भी अभी इन जानकारियों को गुप्त रखकर छापेमारी में लगी हुई है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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