पलामू(PALAMU):इंटक के प्रदेश प्रदेश महासचिव विनय कुमार सिंह उर्फ बीनू सिंह ने हुसैनाबाद में कहा कि बालू को लेकर लगातार दो वर्षो से हुसैनाबाद विधानसभा क्षेत्र में भवन निर्माण व विकास कार्य प्रभावित है. लगातार ध्यान आकृष्ट कराने के बावजूद सरकार मूक दर्शक बनी है. अब जनता, मजदूर, गाड़ी मालिक, दुकानदार सभी के सब्र का बांध टूट चुका है. सरकार के मुखिया बालू का अवैध कारोबार अपने अधिकारियों के मध्यम कराकर सरकारी खजाने में सेंध लगा रहे हैं. यह जनता के साथ बड़ा धोखा है. जिसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि झारखंड के बालू घाटों की बंदोबस्ती नहीं करने के पीछे बड़ा खेल चल रहा है.
बालू घाटों की बंदोबस्ती होने से सरकार को राजस्व भी मिलता और आम लोगों को बालू आसानी से सस्ती दर पर उपलब्ध होता. सरकार के मुखिया बालू की कालाबाजारी करा कर अपनी जेब भरने में लगे हैं. वहीं राज्य में भवन निर्माण, सड़क, पीएम आवास समेत सभी विकास के कार्य ठप्प हैं. उन्होंने कहा कि याचना नहीं अब रन होगा, संघर्ष बड़ा भीषण होगा. पुलिस की मिली भगत कर बालू का अवैध कारोबार हुसैनाबाद समेत पूरे राज्य में फल फूल रहा है, और यह पैसा ऊपर तक पहुंच रहा है. उन्होंने कहा कि अधिकांश क्षेत्रों में निजी निर्माण कार्य के साथ साथ सरकारी योजनाएं भी आधर में लटकी है.
निजी आवास निर्माण कर्ताओं ने पत्थर के डस्ट का उपयोग कर निर्माण कराने को भी मजबूर हैं. निजी घरों का निर्माण कर रहे लोग परेशान है. बालू के अभाव में उनका भवन निर्माण का काम बंद है. संवेदकों ने बताया कि उन्हे आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य केंद्र भवन, सड़क निर्माण करना है. बालू के अभाव में वह कार्य नहीं करा पा रहे है. उन्होंने कहा कि बालू के अभाव में विकास कार्य ठप्प हो जाने से राज मिस्त्री, मजदूर और अन्य कारीगरों का पलायन दूसरे राज्यों में होने लगा है. सीमेंट, ईंट,छड़ का व्यवसाय करने वाले लोगों की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. सरकार रोजगार देने में विफल है.जिनके पास रोजगार की व्यवस्था थी,उनका रोजगार भी बालू के अभाव में ठप्प है.
इंटक के बैनर तले वह बालू की समस्या को लेकर 6 अप्रैल को अनुमंडल मैदान से विशाल ट्रैक्टर रैली निकाल कर पूरे उच्च विद्यालय मैदान में सभा करेंगे. बड़े पुर मैदान में ही आगे की रणनीति तय की जायेगी.उन्होंने कहा कि सरकार जनता की समस्या के प्रति गंभीर नहीं है. आने वाले दिनों में बालू को लेकर पुलिस प्रशासन और जनता के बीच टकराव की स्थिति बन रही है. उन्होंने कहा कि अभी भी वक्त है सरकार और प्रशासन बालू को लेकर निर्णय ले,या टकराव से निबटने को तैयार रहे.
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