टीएनपी डेस्क(Tnp desk):- आज का दिन बेहद बेचैन करने वाला होगा. सबके मन में तरह-तरह के सवाल, आशंकाएं और अंदर ही अंदर एक अकुलाहट पैदा होगी. क्योंकि, जिस ईडी के समन को सात बार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दरकिनार कर चुके हैं. लेकिन, आठवीं बार भेजे समन पर पूछताछ के लिए रजामंदी दे ही है. सीएम आवास में ईडी शनिवार के दिन पहुंचेगी और जमीन घोटाले को लेकर सवाल जवाब करेगी. इस दौरान आखिर क्या-क्या चुनौतियां और क्या-क्या मुश्किलें आ सकती है. इस पर एक नजर डालते हैं.
आखिर क्या पूछेगी ईडी
जांच एजेंसी ईडी जमीन घोटाले के संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सवाल-जवाब करेगी. इसी को लेकर लगातार समन पर समन प्रवर्तन निदेशालय दे रही थी. दरअसल, रांची में सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन की गैरकानूनी तरीके से खरीद-फरोख्त मामले का खुलासा करने बाद ही ईडी रेस हुई थी. इस दौरान ईडी ने बढ़गई अंचल के राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रसाद को गिरफ्तार किया था. उनके आवास से भारी मात्रा में सरकारी दस्तावेज मिले थे. साथ ही मोबाइल से भी कुछ संदिग्ध दस्तावेज मिले थे. इसी के छानबीन और सत्यापन को लेकर ईडी मुख्यमंत्री से पूछताछ करेगी. सवाल है कि क्या इसमे वाकई राज्य सीएम सोरन की भूमिका होगी . या फिर बिल्कुल बेदाग मख्यमंत्री निकल जायेंगे . इसे लेकर लोगों के मन एक बेचैनी पसरी हुई है. जिसके जवाब का इंतजार सभी को होगा.
ईडी को अपनी सुरक्षा का सता रहा डर
हाल ही में बंगाल में ईडी अफसरों के साथ मारपीट की गई थी. लिहाजा,एक डर का माहौल तो केन्द्रीय जांच एजेंसी को भी हैं, क्योंकि इसे लेकर ही पुलिस मुख्यालय को ईडी ने पत्र लिखकर सुरक्षा की गुहार लगायी है. लिहाजा, देखने वाली बात ये है कि आखिर कड़े पहरे और निगरानी के बीच कैसे सुरक्षा इंतजाम होंगे. क्योंकि हाल के दिनों में जिस तरह ईडी ने होटवार जेल में उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया था. और हमले की आशंका जताई थी. इससे उनके मन में एक डर तो कायम है ही .
कानून व्यवस्था बनाए रखने की चुनौती
ईडी की कार्रवाई से आदिवासी संगठनों में भी गुस्सा पनपा हुआ है. इसके विरोध में शुक्रवार को राजभवन का घेराव किया गया. मोरहाबादी मैदान में रैली करके केन्द्र की बीजेपी सरकार पर तोहमते मढ़ी कि ईडी का सारा खेल वहीं से रचा गया है, जो सियासत से प्रेरित है. आदिवासी संगठनों के इस विरोध-प्रदर्शन के चलते रांची के मैन रोड से लेकर रातू रोड घंटों जाम रहा . आम यात्री और राहगीर हलकन रह गये . डर इस बात की है कि शनिवार को किसी तरह का माहौल राजधानी में न बिगड़े और विधि-व्यवस्था चुस्त दुरुस्त रहे . इसे बनाए रखने की सबसे बड़ी चुनौती प्रशासन की होगी.
राज्य भर में हो सकता है विरोध-प्रदर्शन
ईडी की पूछताछ के चलते हंगामा या बवाल सिर्फ राजधानी ही नहीं, बल्कि राज्य के अन्य जिलों, प्रखंडो और नगरों में भी होने के आसार जताये जा रहे हैं. गुरुवार को तो संथाल में इसकी एक बानगी भी दिखाई पड़ी. साहिबगंज में तकरीबन 9 घंटे के बंद का आयोजन किया गया. सड़क-हाट-बाजार से लेकर दूसरे सभी संस्थान बंद रहे. आशंका को बल अब और ज्यादा मिलने लगा है कि शनिवार के दिन कही ईडी की पूछताछ के दौरान राज्य के अन्य जगहों पर भी कही कानून व्यवस्था की हालत खराब न हो . कोल्हान और संथाल में इसके संकेत ज्यादा दिखते हैं. क्योंकि झारखंड मुक्ति मोर्चा का यहां अच्छा-खासा जनाधार और जमीनी ताकत है. खैर जो भी हो लेकिन, कही न कहीं आशंकएं फिंजा में तैर रही है.
शनिवार की दोपहर जब ईडी मुख्यमंत्री आवास में हेमंत सोरेन से प्रश्न करेगी औऱ जवाब मांगेगी , तो बाहर का माहौल शांत तो नहीं रहने वाला. कुछ न कुछ उकतहात, बेचैनी और बवाल तो हो सकता है. क्योंकि , ईडी की पूछताछ से पहले ही धरना,प्रदर्शन और बंद देखने को मिल रहा है.
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