रांची (RANCHI) : मनरेगा में रोजगार के अवसर मिलते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में जो लोग इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं. उन्हें इसमें काम मिलता है लेकिन इसमें गड़बड़ी की भी सूचना लगातार मिलती रहती है. मनरेगा योजना में घोटाला को लेकर कई लोग जेल की हवा खा चुके हैं और खा रहे हैं. कई लोगों पर जांच भी चल रही है. झारखंड में अलग-अलग जिलों से इस संबंध में अनियमित या घोटाले की खबर लगातार मिल रही है. ताजा मामला जो सामने आया है उसमें राज्य सरकार ने 19 मनरेगा कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश जिला उपायुक्त को दिया है.
मनरेगा योजना घोटाला के बारे में जानिए विस्तार से
राज्य सरकार की ओर से सभी जिलों को योजना में पारदर्शिता बरतने का निर्देश दिया गया है. यह भी कहा गया है कि जिन लोगों ने योजना में गड़बड़ी की है उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. ताजा मामला लातेहार जिला से आया है. यहां के बालूमाथ प्रखंड में वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 में मनरेगा योजना के तहत टीसीबी वह मेढ़बंदी योजना में भारी गड़बड़ी पाई गई है. इसकी जांच भी कराई गई. जांच में गड़बड़ी की पुष्टि हुई है. ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों के अनुसार लातेहार के लोकपाल संतोष कुमार पंडित की रिपोर्ट में अनियमितता की पुष्टि हुई है.
राज्य सरकार ने लातेहार उपायुक्त को दिया आदेश
मनरेगा योजना में इस घोटाले की रिपोर्ट के बाद ग्रामीण विकास विभाग ने राज्य मुख्यालय से लातेहार के उपायुक्त गरिमा सिंह को पत्र भेज कर प्रावधान के अनुसार कार्रवाई करने का आदेश दिया है. इस मामले में बीपीओ मुजफ्फर कमाल समेत अन्य लोगों पर कार्रवाई होगी. जिनके खिलाफ कार्रवाई होगी उनमें अभिषेक साहू, रोहित कुमार, प्रबील राम,ललन कुमार, शत्रुघ्न महतो,सीताराम मिस्त्री,रानी कुमारी,उपेंद्र यादव, रामसूल हक, हीरालाल सिंह,अजय भगत, सत्येंद्र पासवान, निरंजन कुमार,सुरेंद्र पासवान, सुजीत कुमार सिंह, राजेश प्रसाद और सुरेंद्र कुमार शामिल हैं. उपयुक्त गरिमा सिंह का कहना है की गबन के आरोपियों के खिलाफ प्राथमिक की दर्ज की जा रही है. जिन्होंने राशि का गबन किया है उनसे वसूली और जो सरकारी पदाधिकारी हैं या कर्मी हैं, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है.
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