घटना के लगभग 12 दिन बाद पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे विधायक बसंत सोरेन, कहा अंडर गारमेंट लेने गया था दिल्ली


दुमका (DUMKA): जिस घटना ने देश को मथकर रख दिया, लेकिन दुमका के विधायक बसंत सोरेन ही उस हादसे के 12 दिनों बाद सांत्वाना देने पीड़ित परिवार के पास पहुंचे. इतनी देर से आने का कारण और हैरान करने वाला है. उन्होंने कहा कि वो इस दरम्यान दिल्ली अंडर गार्मेंट खरीदने गए हुए थे. सबसे पहले वह अंकिता सिंह के गांव पहुंचे, जिन्हें पेट्रोल से जलाकर मार दिया गया था. परिजनों से मिले और उन्हें सांत्वना दी. रानेश्वर थाना क्षेत्र के उस गांव भी पहुंचे जहां की एक नाबालिग आदिवासी किशोरी को मारकर शव पेड़ पर लटका दिया गया था. विधायक ने पीड़ित परिवार को सरकार द्वारा घोषित मुआवजे का चेक सौंपा. बुधवार को ₹900000 का चेक दिया गया जबकि ₹100000 का चेक पूर्व में ही प्रशासन के तरफ से दिया जा चुका है. वहीं पेट्रोल कांड के पीड़ित परिवार को पूर्व में ही सरकार के तरफ से घोषित ₹1000000 का चेक दिया जा चुका है. वापस लौट कर खिजुरिया स्थित आवास पर प्रेसवार्ता में इसकी जानकारी दी. उन्होंने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए अधिकारियों के साथ बैठक करने की बात कही.
लाश पर राजनीति नहीं होनी चाहिए - बसंत
प्रेस वार्ता में विधायक बसंत सोरेन ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं है. इसलिए लोगों के पास जाने के लिए बहाना ढूंढती है. परिवार ने अपना एक सदस्य खो दिया. उसे सांत्वना देने जाना चाहिए था ना कि राजनीति करने. चौपर से आए, राजनीति कर वापस लौट गए. बगैर नाम लिए उन्होंने कहा कि 10 दिनों तक हुए पीड़ित परिवार के साथ आखिर क्यों नहीं रुके. यह अफसोस की बात है. उन्होंने कहा कि लाश पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.
होगी बाहरी की जांच
संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ पर उन्होंने कहा कि बोलना अलग चीज है प्रमाण दीजिए. अगर एक भी आदमी आपको मिल जाए जो बंगलादेश से यहां आकर बसा है तो आप उसका प्रमाण दीजिए हम उसकी जांच कराएंगे.
दिल्ली से आता है विधायक का अंडर गारमेंट
प्रदेश की वर्तमान राजनीतिक हालात पर विधायक बसंत सोरेन ने कहा कि रांची फिलहाल बिल्कुल शांत है. बीच में कुछ हलचल हुई थी लेकिन अब शांत है. दिल्ली जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह अपना अंडर गारमेंट दिल्ली से मंगाते हैं. उनके पास अंडर गारमेंट की कमी हो गई थी. इसीलिए वह दिल्ली चले गए. रायपुर जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि रांची में रहकर बहुत माथापच्ची हो रही थी. पूरे परिवार को लगा कि कुछ इंजॉय होनी चाहिए तो पूरा यूपीए परिवार रायपुर घूमने-फिरने निकल गए.
रिपोर्ट: पंचम कुमार झा, दुमका
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