रांची(RANCHI): किसान अपने मांगों को लेकर फिर एक बार एक जुट होते दिख रहे है. MSP और धान खरीद में मूल्य वृद्धि सहित कई मांगों को लेकर राजभवन के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया. झारखंड किसान संगठन के अलावा अन्य कई संगठन संयुक्त रूप से राज्यपाल को राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन दिया है. किसान अपनी मांगों को लेकर लंबे समय के बाद फिर बड़े आंदोलन की तैयारी में है. चाहे वह राज्य सरकार हो या केंद्र दोनों सरकारों से किसान नाराज है.
देश की संपत्ति के बाद अब किसानों की जमीन बेचना चाहती है सरकार
किसान कृष्णा ने बताया कि देश में बैठी सरकार पूँजीपतियों की सरकार है. पहले देश की सभी संपत्ति को बेच दिया और अब किसानों की जमीन पर सरकार की नजर है. सरकार किसानों की जमीन पूंजीपत्तीयों को देना चाहती है. किसान मर जाएगा लेकिन अपनी जमीन कभी नहीं देंगे.उन्होंने कहा कि एक बार कृषि कानून सरकार ने लाया था किसानों के आंदोलन के आगे सरकार ने तीनों कानून को वापस लिया. लेकिन फिर दो वर्षों के बाद सरकार जमीन पर कब्जा करना चाहती है. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को गुलाम बनाना चाहती है.
नौ रुपये धान बेचने को मजबूर किसान
सुफल महतो ने कहा कि MSP जब तक सरकार लागू नहीं करती तब तक आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि किसान आज धान 8 से 9 रुपये में बेचने को मजबूर है. किसान की मांग पर जब तक सरकार विचार नहीं करती, आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने बताया कि पांच अप्रैल को दिल्ली में किसान जुटेंगे. दिल्ली से बड़े आंदोलन की शुरुआत की जाएगी.
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