रांची (RANCHI) : रांची के मोरहाबादी मैदान में भारतीय जनता युवा मोर्चा की रैली आयोजित हुई थी. इस दौरान बड़ी संख्या में पूरे प्रदेश से भाजपा के नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए थे. कई घंटे तक नेताओं का भाषण हुआ फिर सभी लोग मुख्यमंत्री आवास घेरने के लिए आगे बढ़े. युवा आक्रोश रैली के दौरान पार्टी की ओर से बड़ी व्यवस्था की गई थी. राज्य की हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ यह रैली आयोजित हुई थी. रांची पुलिस ने भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे.जगह-जगह पर वाहनों को रोका गया जिनके माध्यम से भाजपा के नेता और कार्यकर्ता आने वाले थे.
प्रशासन और भाजपा नेताओं के बीच हुई थी झड़प
मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने वाले भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं को जबरन रोकने का प्रयास किया. इस क्रम में वाटर कैनन से पानी बरसाए गए. उसके बाद आंसू गैस के गोली धागे गए. केमिकल वाले गोले दागे गए. रबर बुलेट का भी इस्तेमाल किया गया कई लोग घायल हुए थे. उधर पुलिस के भी कुछ लोग घायल हुए थे.
प्रशासन ने भाजपा नेताओं पर किया था मुकदमा
रांची जिला प्रशासन ने इस मामले में 51 नामजद और 11000 अज्ञात लोगों के खिलाफ रांची के लालपुर थाना में मामला दर्ज कराया था. इनमें रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पार्टी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश समेत 51 को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. बीजेपी की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी इस पर पहले चरण में 30 भाजपा नेताओं को राहत मिली थी. उनके खिलाफ किसी भी तरह की पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी गई.
आज यानी 1 अक्टूबर को 21 ऐसे नामजद भाजपा नेताओं को भी हाईकोर्ट से राहत मिल गई है. कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दिया है. भाजपा विधि प्रकोष्ठ के संयोजक सुधीर श्रीवास्तव ने कहा कि सभी नामजद नेता और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर रोक लगी है. इनमें रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा,सांसद वी डी राम, विधायक राज सिन्हा, सांसद विद्युत वरण महतो, समेत कई अन्य नेताओं को कोर्ट से राहत मिली है. मोरहाबादी मैदान में प्रतिनियुक्ति मजिस्ट्रेट ने लालपुर थाना में इन भाजपा नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. जिनमें कई गैर जमानती धाराएं भी लगाई गई थीं.
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