गोड्डा जिले के घनश्यामपुर गांव के लोग सब्जी उगाकर बन रहे है आत्मनिर्भर.....
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कहते हैं हाथों में हुनर हो और मेहनत की ललक हो, तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है .ऐसा ही कुछ कहानी है घनश्यामपुर गाँव के किसानो की जो सब्जी उत्पादन कर आत्मनिर्भर बन रहे है गांव के लोग। गोड्डा जिले के पोडैयाहाट प्रखंड का एक गाँव घनश्यामपुर जो बिहार सीमा से सटा हुआ गाँव है.पोडै़याहाट प्रखंड का घनश्यामपुर गांव बिहार की सीमा पर स्थित है। रोड के एक तरफ झारखंडऔर दूसरी ओर बिहार है।
जीविका का सबसे बड़ा श्रोत है हरी सब्जियां
लहलहाते खेत, हरियाली और भारी मात्रा में सब्जिीयों की उपज के कारण गोड्डा को इस्रायल भी कहा जाता है।दो सौ घरों के लगभग यहाँ की आबादी है और जीविका का सबसे बड़ा श्रोत हरी सब्जियां ही हैं ।सब्जी उत्पादन से इनकी आत्मनिर्भरता बढ़ी है।गोड्डा जिले और बिहार के कुछ जिलों में ये अपनी सब्जियां अपनी बाईक पर लादकर मंडियों तक किसान पहुंचाते हैं। यहां सब्जी उत्पादन ही जीवन का जरिया है। पोड़ैयाहाट प्रखंड के घनश्यामपुर गांव में परम्परागत खेती अभी जिंदा है। कम बारिश के बावजूद यहां सब्जी का रिकॉर्ड उत्पादन होता है। देवघर ,पाकुड़ ,साहिबगंज के अलावा बिहार और बंगाल के व्यापारी यहां से सीधे किसानों से खरीदकर सब्जियों को मंडी तक ले जाते हैं।

गाँव में सरकारी सुविधाओं और सिंचाई संसाधनों का हैं अभाव
इस गाँव की शत प्रतिशत आबादी सालों भर अपनी खेतों में सब्जियां उगाते हैं .पूरा परिवार मौसम के अनुकूल सब्जियां उपजाता तो जरुर है मगर सरकारी सुविधाओं की बात करें तो यहां कुछ भी नहीं.सिचाई संसाधनों का भी अभाव है. किसान दो-तीन कुएं से पटवन कर खेती करते हैं. पटवन के नामपर सालों पहले बना एक कुआं है जिसके सहारे सिंचाई का काम हो पाता है,, अब आप सोचिए सिंचाई की व्यवस्था ना होने के बावजूद ये कितनी कड़ी मेहनत कर रिकॉर्ड फसल का उत्पादन करते है। गांव के लोगों की मानें तो सिचाई की सुविधा मिल जाए तो यहां के किसान सोना उपजा सकते हैं।
मौसम के अनुकूल उपजाते हैं सब्जियां
गाँव के किसान हीरालाल मंडल का कहना है कि सरकार कुछ न भी करें तो कम से कम दो या तीन डीप बोरिंग करवा दे तो उत्पादन बढ़ जायेगा .वरना अभी तो बारिश के ही एक सहारा हैं ।किसान चन्दन और दिनेश मंडल कहते हैं इतनी मात्रा में हम गाँव के किसान झींगा ,कद्दू ,करेला ,गोभी सहित मौसम अनुकूल सब्जियां उपजाते जरुर हैं मगर सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिल पाया है आज तक .और तो और यहाँ की मिटटी जांच तक नहीं हो सकी है और न ही ग्रीन शेड ही मिला है।

नजरें इनायत करने की है जरूरत
जरुरत है ऐसे मेहनतकश किसानो की तरफ सरकार द्वारा मदद के हाथ बढाए जाने कि ताकि ये किसान और भी ज्यादा उत्पादन कर जिले और राज्य का नाम रौशन कर सकें,लेकिन आज तक कृषि विभाग की योजनाएं भी इस गांव म तक नहीं पहुंच पाई है। रिकॉर्ड सब्जी उत्पादन करने वाले घनश्यामपुर गांव के प्रति कृषि और बागवानी विभाग को नजरें इनायत करने की जरूरत है।
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