लगभग 50 पारंपरिक चिकित्सकों ने बताए पौधों के औषधीय गुण, टाटा स्टील ने ओडिशा में की वर्कशाप


जमशेदपुर (JAMSHEDPUR ): पौधों के औषधीय गुणों के बारे में जागरूकता और संरक्षण के इरादे से टाटा स्टील माइनिंग ने मंगलवार को ओडिशा के जाजपुर जिले में स्थित सुकिंदा क्रोमाइट माइन में एक कार्यशाला ‘ग्रीन थेरेपी’ का आयोजन किया. जिसमें 50 पारंपरिक चिकित्सकों ने भाग लिया. टाटा स्टील माइनिंग के कर्मचारी पंकज कुमार सतीजा के अनुसार, "इस तरह के विचार-विमर्श का उद्देश्य सदियों पुरानी परंपराओं को संरक्षित करना और पौधों के औषधीय मूल्य पर हमारे ज्ञान को बढ़ाने में मदद करना है. यह कार्यक्रम जैव विविधता की दिशा में एक प्रयास है.
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वानस्पतिक परंपराओं पर हुआ ध्यान केंद्रित
ग्रीन थेरेपी ने जैव विविधता और पारम्परिक वानस्पतिक परंपराओं पर ध्यान केंद्रित किया है. इसके अलावा ज्ञान-साझाकरण सत्रों के माध्यम से सीखने के अवसर पैदा करने, औषधीय गुण वाले पौधों के सही उपयोग और पोषण, एक स्थायी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान किया है. कंपनी क्षेत्र की जैव विविधता में सुधार लाने और स्थानीय समुदाय की विरासत को संरक्षित करने के लिए जागरूकता सत्र भी आयोजित करती रही है.
इन लोगों ने लिया हिस्सा
ग्रीन थेरेपी कार्यशाला में श्री श्री विश्वविद्यालय, कटक में आयुर्वेद के प्रोफेसर डॉ संजीब दास के साथ पूरे ओडिशा से औषधीय पौधों के 50 प्रतिष्ठित चिकित्सकों ने भाग लिया. इस कार्यक्रम में क्षेत्र के 200 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया. संजय कुमार स्वैन, संभागीय वन अधिकारी और सौभाग्य कुमार साहू, अतिरिक्त वन संरक्षक, कटक वन प्रभाग, पंकज कुमार सतीजा, प्रबंध निदेशक, टाटा स्टील माइनिंग और सुशांत कुमार मिश्रा, सीनियर जनरल मैनेजर, माइनिंग, टाटा स्टील माइनिंग के साथ इस कार्यक्रम में शामिल हुए.
रिपोर्ट: रंजीत ओझा, जमशेदपुर
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