सरायकेला (SARAIKELA): तारीख 14 जून 2019, स्थान तिरुलडीह थाना क्षेत्र की कुकड़ू साप्ताहिक हाट. पुलिस के पांच जवान चिलचिलाती दोपहर को ठंडक पहुंचाने कोल्ड ड्रिंक पी रहे थे. उसी बीच अचानक गोलियां बरसने लगीं. नक्सलियों का जत्था दुकान पर धमक चुका था. जबतक कि जवान संभलते उनपर भुजाली से भी हमला हो चुका था. जब जवानों का शरीर ठंडा पड़ने लगा तो नक्सलियों ने उनके हथियार छीन लिये. इन पांच जवानों की शहादत को आज सरायकेला-खरसवां जिला के तिरूलडीह थाना में याद किया गया. पुलिस पदाधिकारी और जवानों ने शहीद पुलिस कर्मियों के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी.
ढाई घंटे तक सड़क पर पड़े रहे थे जवानों के शव
गवाहों का कहना था कि भागते समय नक्सलियों ने माओवाद जिंदाबाद के नारे भी लगाए थे. इधर, हमले में सिर्फ चालक सुखलाल कुदादा की जान बची थी,क्योंकि वो जंगल की ओर भाग गया था, देर रात तिरुलडीह थाना पहुंचा था. उधर, जवानों के शव सड़क पर ढाई घंटे तक पड़े रहे. घटनास्थल पर जाने की किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी. रात करीब 9 बजे कोल्हान के डीआईजी के नेतृत्व में फोर्स घटनास्थल पर पहुंची थी.
कोई नहीं भूल सका दहशतभरी वो दोपहर
शहीद हुए जवानों में एएसआई मनोधन हांसदा, एएसआई गोवर्धन पासवान, कांस्टेबल युधिष्ठिर मालुवा, कांस्टेबल धनेश्वर महतो और कांस्टेबल डिबरू पूर्ति शामिल हैं. घटना ने समूचे झारखंड को झकझोर कर रख दिया था. कोई दहशतभरी वो दोपहर नहीं भूल सका है. उस ख़ौफ़नाक मंजर को याद करके क्षेत्र के लोग आज भी सहम जाते हैं.
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चार एसपी बदले, नहीं बदला थाना भवन
घटना के तीन वर्ष पहले 2016 को कुकङ प्रखंड मुख्यालय के पास थाना भवन का निर्माण कराया गया था. लेकिन आज तक उसका संचालन नहीं हो सका जबकि घटना के बाद ही तत्कालीन एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने कुकङु में बने थाना को चालू कराने की बात कही थी. नक्सली घटना के बाद 4-4 एसपी बदले, मगर कुकङु थाना की तकदीर नहीं बदली. आज भी थाना भवन एक खंडहर बनकर रह गया है. कुकङु उच्च विद्यालय के पूर्व शिक्षक सह समाजसेवी निरंजन महतो ने बताया कि यह बंगाल का बोर्डर क्षेत्र है. सभी थाना बहुत दूर-दूर में है. वहीं थाना भवन बनने के इतने दिनों बाद भी थाना का संचालन नहीं हुआ है. प्रशासन से उनकी मांग है कि थाने में पुलिस बल और पदाधिकारी प्रतिनियुक्ति किया जाय, जिसे लोग सुरक्षित महसूस करेंगे.
रिपोर्ट: रंजीत ओझा, जमशेदपुर
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