माओवादियों ने चुनाव बहिष्कार को लेकेर जगह जगह साटे पोस्टर, ग्रामीणों में दहशत


चाईबासा (CHAIBASA): नक्सल प्रभावित सारंडा जंगल के छोटानागरा थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों व सड़कों के किनारे भाकपा माओवादी नक्सलियों ने बीती रात पंचायत चुनाव के बहिष्कार संबंधित पोस्टर लगाए हैं. हालांकि, सूचना मिलने के बाद पुलिस ने सभी पोस्टरों को उखाड़कर हटा दिया है.
नक्सलियों ने कड़वी सच्चाईयों का किया जिक्र
सूत्रों के मुताबिक नक्सलियों ने मध्य रात्रि को पंचायत चुनाव का बहिष्कार संबंधित पोस्टर लगाए हैं, जब सभी ग्रामीण सो रहे थे. पोस्टर में कहा गया है कि पंचायत चुनाव में खड़े मुखिया, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के उम्मीदवार वोट मांगने आएंगे तो उनसे जवाब तलब करें.नक्सलियों ने पोस्टर में लिखा कि विगत 70 साल से पंचायत चुनाव होते आ रहे हैं, लेकिन आज तक जनता की एक भी समस्या का हल क्यों नहीं हुआ, पहले उसका जवाब दो, तब वोट मांगो. पांचवीं अनुसूची और पेसा कानून आज तक क्यों लागू नहीं हुआ. ग्रामीण क्षेत्रों में पीने का स्वच्छ पानी की व्यवस्था क्यों नहीं हुई, आज भी ग्रामीण जनता नाले के गंदे पानी पीने को विवश है. इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पंचायत स्तर पर क्यों नहीं है. ब्लॉक स्तर में भी केवल दिखावा के लिए है, वहां न डॉक्टर आते हैं और न दवा ही उपलब्ध है, 70 साल बाद भी चिकित्सा की ऐसी दशा क्यों है.
लोगों को नेताओं के बहकावे में आने से किया सतर्क
नक्सलियों ने पोस्टर पर शिक्षा व्यवस्था का भी जिक्र किया, पोस्टरों पर लिखा कि शिक्षा के लिए पर्याप्त स्कूल नहीं है, स्कूल है तो शिक्षक नहीं है. किसानों के लिए सिंचाई की व्यवस्था नहीं है, ना चैक डैम है, ना तालाब है, खाद-बीज और कीटनाशक दवा की कोई व्यवस्था नहीं है. इस तरह मुखिया, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के उम्मीदवार को जवाब-तलब करते हुए इसका सही जवाब नहीं देने पर वोट नहीं करें. संवैधानिक तौर पर वोट देने का अधिकार है, तो बहिष्कार करने का भी अधिकार है. इसलिए पंचायत चुनाव का सक्रिय रूप से बहिष्कार करें, पंचायत चुनाव में एक भी वोट ना पड़े, इसकी गारंटी करें. डियंग (हड़िया) , शराब पिलाकर वोट दिलाने वाले बिचौलिया और दलाल के बहकावे में नहीं आए. बिचौलिया और दलाल को पकड़कर जूता का माला और चूना का टिका लगाकर जुलूस में घुमाएं.
रिपोर्ट: संदीप गुप्ता, गुवा/चाईबासा
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