एक सप्ताह से भक्त से दूर हैं बाबा बासुकीनाथ, तीर्थ पुरोहितों में आक्रोश


दुमका (DUMKA) - बीते 1 मई से दुमका के बाबा बासुकीनाथ मंदिर के गर्भ गृह में हुए बिजली करंट की शॉर्टसर्किट हादसे के बाद से ही मंदिर में बाबा की स्पर्श पूजा पर रोक लगी हुई है. तीर्थ पुरोहित से लेकर आम श्रद्धालु तक सभी के लिए गर्भ गृह में प्रवेश करने पर रोक है. ऐसे में श्रद्धालु और पंडों के लिए मंदिर प्रबंधक द्वारा बाबा बासुकीनाथ पर जलार्पण के लिए मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा अर्घा की व्यवस्था की गई है. फिलहाल भक्त अर्घा के माध्यम से जलार्पण कर रहे हैं. इस व्यवस्था से एक तरफ जहां श्रद्धालु को पूजा करने के बावजूद आत्मिक संतुष्टि नहीं हो रही है, वहीं तीर्थ पुरोहितों में आक्रोश व्याप्त है. अब इस स्थिति में तीर्थ पुरोहित आंदोलन की बात कर रहे हैं.
स्पर्श पूजा पर रोक की वजह
दरअसल 1 मई को गर्भ गृह में इलेक्टिक करंट के झटके महसूस होने के बाद गर्भ गृह में प्रवेश पर रोक लगा दिया गया है. वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अर्घा लगा दिया गया है. गर्भ गृह का बिजली कनेक्शन काट दिया गया है. खामी ढूंढ कर उसे दुरुस्त करने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन 7 दिन बाद भी व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पायी है. यही वजह है कि तीर्थ पुरोहितों के सब्र का बांध टूटने लगा है. पंडा धर्मरक्षणि सभा के महामंत्री संजय झा का कहना है कि जब गर्भ गृह का विद्युत कनेक्शन काट दिया गया है तो करंट का कोई खतरा नहीं है. ऐसी स्थिति में श्रद्धालु और तीर्थ पुरोहितों को गर्भ गृह में प्रवेश कर स्पर्श पूजा की अनुमति मिलनी चाहिए. तीर्थ पुरोहित कुणाल झा का कहना है कि मंदिर प्रबंधन अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रही है.
जा चुकी है पुरोहित की जान
बाबा बासुकीनाथ मंदिर के गर्भ गृह में विद्युत करंट प्रवाहित होने की यह कोई पहली घटना नहीं है. इसके पहले भी 1 जनवरी 2020 को गर्भ गृह में ही करंट लगने से एक तीर्थ पुरोहित की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद तीर्थ पुरोहितों में काफी आक्रोश देखा गया था. जिला प्रशासन और मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने का भरोसा भी दिया गया था. इसके बावजूद फिर एक बार 1 मई 22 को गर्भ गृह में इलेक्ट्रिक करंट के झटके महसूस किए गए.
रिपोर्ट : पंचम झा, दुमका
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