अनोखी प्रथा : झारखंड में यहां धधकती आग के अंगारों पर करते चहलकदमी


दुमका (DUMKA) : बासुकीनाथ स्थित चरक नाथ मंदिर में बड़े ही धूमधाम के साथ हरिजन समाज के लोगों द्वारा चरक पूजा की जाती है. यह पूजा 5 दिनों की होती है. चरक पूजा के अंतिम दिन हरिजन समाज के लोग भगवान शिव व माता काली के कृपा लाभ के लिये धधकती आग के अंगारों में चलते हैं. इनका कहना है कि ईश्वर के प्रति अगर सच्ची श्रद्धा और विश्वास हो तो आग नुकसान नहीं पहुंचा पाती.
मां काली और शिव की होती है पूजा
अनुयायियों के अनुसार पहला बैशाख के आगमन वाले दिन ही मां काली ने उग्र रूप धारण किया था. देवी के क्रोध को शांत करने के लिए स्वयं शिव को रास्ते में लेटना पड़ा था. इसलिए इस पूजा में मां काली और शिव की पूजा की जाती है. यही कारण है कि इसके अनुयायी काठ के शिव काली की प्रतिमा को लेकर चैत माह से जगह-जगह घूमते भी हैं. यह पर्व बिहार, झारखंड के अतिरिक्त पश्चिम बंगाल और दक्षिणी बांग्लादेश में काफी धूमधाम के साथ मनाया जाता है.
रिपोर्ट : सुतिब्रो गोस्वामी, जरमुंडी/दुमका
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