साहिबगंज: साहिबगंज जिले में अपने आठ सूत्री मांगों को लेकर आंगनबाड़ी सेविका व सहिया दीदियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल करते हुए समाहरणालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया. झारखंड राज्य आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले जिलाध्यक्ष शबाना आजमी के नेतृत्व में सेविका-सहायिका ने सोरेन सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान जिलाध्यक्ष शबाना आजमी ने कहा कि, जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी तब तक हड़ताल भी जारी रहेगा.
इन मांगों को लेकर सौंपा गया था ज्ञापन
जिलाध्यक्ष ने कहा कि, आंगनबाड़ी सेविका व सहिया साथियों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से वार्षिक मानदेय में वृद्धि, प्रोन्नति, पोषाहार की बाजार दर में उपलब्धता, सेवानिवृत्त होने पर सेविका को 10 लाख रुपए व सहायिका को पांच लाख रुपए, एक मुश्त सेवानिवृत्ति का लाभ भुगतान करने और अंतिम मानदेय का 50% पेंशन के रूप में भुगतान की स्वीकृति देने, महिला पर्यवेक्षिका के पद पर बहाली में उम्र सीमा और विषय की अनिवार्यता को छांट कर शत-प्रतिशत वरीयता व कार्य अनुभव के आधार पर आंगनबाड़ी सेविका को प्रोन्नति दी जाए.
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश अनुसार सभी समाज कल्याण के संविदा कर्मियों के बीच व्याप्त मानदेय विसंगति को दूर कर आंगनबाड़ी कर्मियों को भी महंगाई और यात्रा भुगतान की स्वीकृति दी जाए. साथ ही सभी को नियमित कर पूर्ण सरकारी कर्मचारी का दर्जा देते हुए विद्यालयों के समान विपरीत मौसम में अवकाश की व्यवस्था हो. विभागीय काम संपादन के लिए ब्रांडेड कंपनी का एंड्राइड मोबाइल, टैब रिचार्ज सहित आपूर्ति की जाए सहित अन्य मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा था. लेकिन इस पर सुनवाई नहीं हुई है. इसे लेकर पिछले पांच अक्टूबर से अब सेविका व सहिया सखी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है.
आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों की पढ़ाई हुई बंद
इधर, हड़ताल से जिले की 1,643 आंगनबाड़ी केंद्र पर पठन-पाठन बंद हो गया है. इससे करीब 30 हजार से अधिक छोटे बच्चों की पढ़ाई ठप हो गई है. वहीं, झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के भरत यादव व सामाजिक कार्यकर्ता प्रेमलाल मंडल उर्फ मंटा मंडल ने सेविका-सहायिका सखी के आंदोलन को ही समर्थन किया है.
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