धनबाद(DHANBAD) - झारखण्ड सरकार सिर्फ कानो सुनी नहीं बल्कि आंखों देखी बातों पर विश्वास करें. वह स्वयं कमिटी बनाकर यह देख ले कि राज्य में वैट कम करने से अधिक राजस्व मिलेगा कि वैट कम नहीं करने से. वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के बयान के बाद झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने कहा है कि पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश से पेट्रोलियम पदार्थ ₹3 और ₹5 महंगा होने के कारण नेशनल हाईवे के 150 पेट्रोल पम्पो की स्थिति खराब होती जा रही है. इसके चलते लगातार पेट्रोल-डीजल की बिक्री में भारी गिरावट हो रही रही है.
लगातार घट रही है बिक्री
सूबे में पहले 126000 लीटर पेट्रोल- डीजल की बिक्री होती थी. जो घटकर 105000 लीटर हो गई है. राज्य सरकार को सालाना 150 से 200 सौ करोड़ का नुकसान हो रहा है. लगातार जेपीडीए एसोसिएशन के प्रतिनिधि इसको लेकर मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री, सचिव सहित अन्य से मिलकर वैट कम करने की मांग कर रहे है. उस पर वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव द्वारा दिए गए बयान की दूसरे राज्य से कम वैट होने के कारण झारखण्ड में डीजल -पेट्रोल सस्ता है. उस पर अशोक कुमार सिंह ने कहा है कि झारखंड से सटे बिहार ,छत्तीसगढ़, उड़ीसा से दो से ढाई रुपए सस्ता थे लेकिन अब बराबर हो गए है. वही उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से महंगे होने के कारण ज्यादातर वाहन चालक दूसरे राज्य से डीजल खरीदते है. जिसके चलते झारखंड को राजस्व में काफी नुकसान हो रहा है. वित्त मंत्री से आग्रह है कि एक कमेटी बनाकर ज़मीनी वस्तुस्थिति की जानकारी ले. उसके बाद कोई निर्णय करें.
रिपोर्ट : अभिषेक कुमार सिंह, ब्यूरो हेड, धनबाद
4+