आखिर क्यों मचा है वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को लेकर बवाल! क्या छीन जायेगा मुसलमानों का हक, क्या है मोदी का प्लान

टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक 2024 को लेकर देश भर में चर्चा का माहौल गर्म है. आखिर ऐसा क्या इस बिल में है जिसे लेकर रात 2:00 बजे तक लोकसभा में बहस चली. इस बिल के पेश हो जाने के बाद क्या वाकई मुसलमान का अधिकार छिन जाएगा. आखिर क्यों देश में इस संशोधन विधेयक को लेकर बवाल मचा है. लोकसभा में पारित होने के बाद अब राज्यसभा में चर्चा शुरू है. ऐसे में समझते हैं कि आखिर यह बिल है क्या? इसके प्रावधान क्या हैं? और क्यों हो रहा है इसका विरोध?
क्या है वक्फ बोर्ड, कैसे करता है काम
सबसे पहले हम यह समझ लेते हैं कि वक्फ बोर्ड क्या है और वक्फ शब्द का मतलब क्या होता है. वक्फ एक अरबी शब्द है और यह शब्द वक्फ से निकला है. इसका मतलब है रोकना, थामना या जोड़ना. अब समझते हैं कि वक्फ बोर्ड क्या है?
वक्फ बोर्ड में कोई मुस्लिम अपनी संपत्ति को धार्मिक, शैक्षिक या अन्य सामाजिक कार्यों के लिए दान कर देता है. देशभर में 32 वक्फ बोर्ड हैं, जो 8.7 लाख से ज्यादा संपत्तियों का प्रबंधन करते हैं. इनकी कुल कीमत करीब 1.2 लाख करोड़ रुपये और क्षेत्रफल 9.4 लाख एकड़ है. लेकिन सरकार का कहना है कि इन संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता की कमी और दुरुपयोग की शिकायतें हैं. इसी को ठीक करने के लिए वक्फ संशोधन विधेयक 2024 लाया गया.”
बिल में क्या-क्या बदलाव प्रस्तावित हैं-
2 अप्रैल 2025 को लोकसभा में इस बिल पर 12 घंटे से ज्यादा बहस हुई. इसके पक्ष में 288 वोट पड़े, जबकि विरोध में 232. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘वक्फ बोर्ड की 9.4 लाख एकड़ जमीन से सिर्फ 166 करोड़ की सालाना आय होती है. हम इसे पारदर्शी बनाना चाहते हैं.’ अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने इसे प्रशासनिक सुधार बताया, न कि धार्मिक हस्तक्षेप.”
लेकिन इस बिल का विरोध भी जोरदार है. विपक्षी दल जैसे कांग्रेस, सपा और AIMIM इसे संविधान के अनुच्छेद 26 का उल्लंघन बता रहे हैं, जो धार्मिक समुदायों को अपने मामलों के प्रबंधन का अधिकार देता है. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘यह वक्फ की स्वायत्तता छीनने और संपत्तियों को हड़पने की साजिश है.’ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसे कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है. कई जगह मुस्लिम संगठनों ने काली पट्टियां बांधकर विरोध जताया.”
सरकार का दावा है कि यह भ्रष्टाचार रोकेगा और वक्फ की आय को 166 करोड़ से बढ़ाकर 12,000 करोड़ तक ले जा सकता है. लेकिन विपक्ष का कहना है कि गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति और सरकारी हस्तक्षेप से मुस्लिम समुदाय के अधिकार कमजोर होंगे. अब सबकी नजर राज्यसभा पर है, जहां NDA के पास बहुमत नहीं है. नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू जैसे सहयोगियों का रुख निर्णायक होगा. हालांकि इससे पहले दोनों ने लोकसभा में बिल के पक्ष में वोट किया है.
रिपोर्ट-समीर
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