क्या महाकुंभ के समय गंगा का पानी स्नान करने लायक था? जानिए संसद में पेश की गई रिपोर्ट के बारे में

TNP DESK-- संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू हुआ है. सोमवार से यह सत्र शुरू हुआ. सत्र के पहले दिन कई अन्य काम हुए. भारत सरकार की ओर से केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट सदन के अंदर रखी. रिपोर्ट के अनुसार महाकुंभ के दौरान गंगा का पानी स्नान करने लायक था.
जानिए सदन में किस दल के नेता ने सवाल खड़ा किया था
लोकसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद आनंद भदौरिया के अलावा कांग्रेस के साथ सांसद सुधाकरण के सवाल के जवाब में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में यह बात साफ तौर पर आई है कि महाकुंभ के दौरान पानी में सभी आवश्यक तत्व मौजूद थे. पीएच, घुलित ऑक्सीजन जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग और फैकल कॉलीफॉर्म के तत्व स्टैंडर्ड मात्रा में उपलब्ध थे.
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने 3 फरवरी को एनजीटी को अपनी प्रारंभिक निगरानी रिपोर्ट सौंप थी इसमें 12 से 26 जनवरी के बीच एकत्र जल की गुणवत्ता के आंकड़े मौजूद थे. जगह-जगह पर जल एकत्रित कर उसके सैंपल लिए गए थे. उत्तर प्रदेश सरकार ने अलग-अलग स्थान पर 10 सीवेज ट्रीटमेंट स्थापित किए थे. मालूम हो कि यह अफवाह उड़ाई गई थी कि इतने लोगों ने संगम स्नान किया जिस कारण से वहां का जल प्रदूषित हो गया था यानी नहाने लायक नहीं रहा था. महाकुंभ के दौरान भी यह रिपोर्ट आई थी कि इस तरह की बात नहीं है परंतु कुछ राजनीतिक दल के द्वारा इस तरह की अफवाह फैलाई गई थी.
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