टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : जब किसी पति-पत्नी का रिश्ता नहीं चल पाता है तो वह दूसरे को तलाक दे देते हैं. और आज के समय तलाक का दर तेजी से बढ़ता जा रहा है. खासकर दूसरे देशों में जैसे कि अमेरिका में सर साल 50% तक तलाक के मामले सामने आते हैं. पति पत्नी को तलाक देने के लिए एक प्रोसीजर से गुजरना करना पड़ता है. सबसे पहले तो उन्हें तलाक देने का कारण बताना पड़ता है जिसके आधार पर ही उन्हें तलाक की मंजूरी मिलती है. कई बार दंपति को यह साबित करना काफी मुश्किल हो जाता है कि वह एक दूसरे से तलाक क्यों ले रहे हैं. ऐसे में उनका मामला अटका रह जाता है. ऐसे पचड़ों से बचने के लिए कई देशों में ‘नो फॉल्ट डाइवोर्स’ की मंजूरी दे दी गई है.
जानिए क्या है नो फॉल्ट डाइवोर्स
नो फॉल्ट डाइवोर्स का मतलब यह है कि यदि किसी पति पत्नी को तलाक चाहिए तो उन्हें कोई कारण देने की जरूरत नहीं है. वह बस ऐसे ही बिना किसी कारण के एक दूसरे से अलग हो सकते हैं. इस नो फॉल्ट डायवोर्स की शुरुआत कई देशों में हो चुकी है. अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम स्वीडन, चीन जैसे कई देशों में इस डाइवोर्स रूल की मंजूरी मिल चुकी है.
महिलाओं को हो सकती है समस्या
नो फॉल्ट डायवोर्स को लेकर लोग अब इसे दो तरीके से ले रहे हैं. पहला यदि किसी को अपने पार्टनर के साथ अच्छा नहीं लग रहा है तो वह उससे बिना किसी बड़ा कारण दिए हुए अलग हो सकते हैं. ऐसे में किसी को रिश्ते से अलग होना मुश्किल नहीं होगा. मगर वहीं दूसरी तरफ इससे भारी नुकसान भी लोगों को उठाना पड़ सकता है. ऐसे में कई पुरुष और महिला इसका फायदा उठाते हुए आसानी से एक दूसरे के साथ अलग हो जाएंगे. यदि पुरुष इस नियम के तहत महिलाओं को छोड़ने लगे तो उन पर अकेलेपन का बोझ बढ़ जायेगा. हालांकि भारत में अब तक इस कानून को मंजूरी नहीं दी गई है यहां भी लोगों को उचित कारण देना पड़ता है जिसके आधार पर ही उन्हें तलाक की मंजूरी दी जाती है.
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