टीएनपी डेस्क- देश दुनिया में ऐसे लोगों को हमेशा याद किया जाता रहा है जिन्होंने किसी खास क्षेत्र में अपना बहुमूल्य और और प्रयोगात्मक योगदान दिया. ऐसे लोगों को इतिहास याद रखता है. वैसे जो इस संसार में आया है उसका जाना भी तय होता है लेकिन किसी खास का जाना लोगों को आंसू बहाने के लिए मजबूर कर देता है. ऐसे ही व्यक्ति थे रामोजी राव. जिन्होंने मीडिया जगत में एक ऐसी क्रांति लाई जो भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में इन्नोवेटिव मानी जाती है. 87 वर्ष की उम्र में पद्म विभूषण रामोजी राव का निधन हो गया. वे कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे.
ईटीवी नेटवर्क के मालिक थे रामोजी राव
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के क्षेत्र में रामोजी राव ने वह काम किया जिसे नवाचार के रूप में जाना जाता है. उन्होंने क्षेत्रीय स्तर पर अलग-अलग भाषाओं में चैनल खोलकर क्षेत्र की छोटी बड़ी घटनाओं को स्थान दिया. बेहद ईमानदार और सिद्धांतों के साथ काम करने वाले पत्रकारों की टोली उन्होंने तैयार की. वैसे ईटीवी तेलुगू की शुरुआत 1995 में हुई थी. साल 2000 में ईटीवी उर्दू का शुभारंभ हुआ. 2002 में ईटीवी का एक बड़ा नेटवर्क कई चैनलों के साथ आरंभ हुआ. ईटीवी के समाचार की गुणवत्ता और विश्वसनीयता का कोई जोड़ नहीं रहा है. देश के लोग जानते हैं की ईटीवी न्यूज़ पत्रकारिता के उच्च मानदंड को स्थापित ही नहीं किया बल्कि बनाए रखा.
जिस समय कुछ बड़े नाम वाले राष्ट्रीय चैनल अपनी लागत और मुनाफा के लिए बहुत सारे तरीके अपनाते थे वैसी स्थिति में ईटीवी ने वर्षों तक बिना किसी मुनाफा के चैनल का प्रसारण बनाए रखा इसके कर्मचारी काम करते हुए बड़ा गर्व करते थे. रामोजी राव भारत के रूपर्ट मर्डोक माने जाते थे. सादगी और ईमानदारी की प्रतिमूर्ति रामोजी राव को भारत सरकार ने पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया. सुर्ख़ियों से दूर रहने वाले रामोजी राव उसे सिद्धांत के आदमी थे जिन्हें राज्यसभा की सदस्यता का ऑफर मिला लेकिन उन्होंने ठुकरा दिया. रामोजी राव एक गरीब परिवार में जन्मे संघर्ष और मेहनत से आगे बढ़े.फोटोग्राफी से उन्होंने अपने पत्रकारिता जीवन की शुरुआत की थी. इसके अलावा उनका पिकल्स और पापड़ का बड़ा कारोबार था. रामोजी राव ने तेलुगु में इनाडु अखबार भी निकला जो देश का दूसरा सबसे ज्यादा बिकने वाला अखबार बना. अंग्रेजी भाषा में भी उन्होंने न्यूज़पेपर प्रकाशित किया.
रामोजी राव फिल्म सिटी अद्भुत संस्थान है
हैदराबाद में स्थापित रामोजी फिल्म सिटी विश्व की सबसे बड़ी फिल्म सिटी है यहां पर बड़ी संख्या में फिल्मों का निर्माण होता है. एक से एक लोकेशन इस फिल्म सिटी में हैं . देश दुनिया के लोग रामोजी फिल्म सिटी को देखना चाहते हैं. 2800 एकड़ के क्षेत्र में बनी यह फिल्म सिटी बहुत ही खास है. तेलुगू,तमिल, कन्नड़, मलयालम फिल्मों के अलावा बहुत सारी हिंदी फिल्मों की शूटिंग भी रामोजी फिल्म सिटी में हुई है. सदी के महानायक अमिताभ बच्चन और प्रसिद्ध अभिनेता गोविंदा की बहुत सारी फिल्में यहां पर बनी हैं. ब्लॉकबस्टर फिल्म बाहुबली की भी शूटिंग इसी रामोजी फिल्म सिटी में हुई है.इस फिल्म सिटी को देखने के लिए लोगों को महंगा टिकट काटना पड़ता है.
रामोजी राव के निधन पर शोक संवेदनाएं
पद्म विभूषण से सम्मानित प्रसिद्ध मीडिया टायकून और फिल्म निर्माता रामोजी राव के निधन पर कई लोगों ने शोक जताया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन को बड़ी छाती बताते हुए कहा कि रामोजी राव के निधन से उन्हें बहुत दुख हुआ है. पत्रकारिता और मनोरंजन के क्षेत्र में रामोजी राव ने नवाचार के प्रणेता थे. पत्रकारिता और मनोरंजन के क्षेत्र में क्रांति लाने वाले व्यक्ति थे. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उनके साथ कई बार विचारों का आदान-प्रदान हुआ. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी उनके निधन पर शोक जताया है. तेलुगु देशम पार्टी के नेता चंद्रबाबू नायडू ने भी उनके निधन पर शक बताया है. कई राज्यों के मुख्यमंत्री और प्रमुख लोगों ने भी रामोजी राव के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की है.
अपने कर्मचारियों में बहुत लोकप्रिय थे रामोजी राव
ईटीवी मीडिया समूह के मालिक और बहुत ही सफल बिजनेसमैन रामोजी राव को उनके कर्मचारी बहुत सम्मान करते थे. रामोजी राव भी अपने कर्मचारियों से बहुत प्यार करते थे. ईमानदारी और सिद्धांतों के पक्के रामोजी राव का कारोबार कई क्षेत्रों में था. फिल्म जगत से जुड़े लोगों ने भी उनके निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की है. अमिताभ बच्चन ने भी उनके निधन पर गहरा शोक जताया है. फिल्म निर्माता राजामौली ने भी हैदराबाद पहुंचकर उनके पार्थिव शरीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए. प्रसिद्ध अभिनेता रजनीकांत ने भी उनके निधन पर शोक जताया है.
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