टीएनपी डेस्क(TNP DESK)- राहुल गांधी की सदस्यता को खत्म करने के फैसले के खिलाफ केरल की आभा कुमारी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8 (3) को चुनौती दी है.यहां हम बता दें कि 11 जुलाई 2013 को लिली थॉमस बनाम भारत सरकार के फैसले में कोर्ट ने निचली अदालत में दोषी करार दिए जाने की तारीख से ही अयोग्य घोषित का फैसला सुनाया है. इसके पहले तक आखिरी फैसला आने तक सदस्यता भंग नहीं की जाती थी.
ध्यान रहे कि लिली थॉमस बनाम भारत सरकार के फैसले को निष्प्रभावी बनाने के लिए यूपीए शासन काल में मनमोहन सिहं सरकार द्वारा भी एक अध्यादेश लाया गया था, लेकिन जब इस बिल को संसद के पटल पर रखा जा रहा था तब राहुल गांधी ने इसका विरोध करते हुए बिल की प्रति को संसद में फाड़ दिया था, जिसके बाद मनमोहन सिंह की सरकार ने अध्यादेश वापस ले लिया था.
तब राहुल गांधी ने इस फैसले को राजनीति से भ्रष्ट्रचार को खत्म करने का औजार बताया था
उस वक्त राहुल गांधी ने कहा था कि लिली थॉमस बनाम भारत सरकार के मामले में कोर्ट का फैसला पूरी तरह न्यायिक है, क्योंकि यदि आरोप सिद्धि के दिन से ही जनप्रतिनिधियों की सदस्यता खत्म नहीं की जाती है तो भारतीय राजनीति में जड़ जमा चुका भ्रष्ट्राचार को खत्म नहीं किया जा सकेगा, आज उसी फैसले के आधार पर राहुल गांधी की संसद सदस्यता को खत्म कर दिया गया है. राहुल गांधी को दोष सिद्ध होते ही इसी फैसले को आधार बनाते हुए लोकसभा सचिवालय ने उनकी संसद सदस्यता को खत्म करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया.
राहुल के निशाने पर थें लालू यादव
यहां यह भी बता दें कि उस वक्त राहुल गांधी के निशाने पर लालू यादव हुआ करते थें, तब राहुल गांधी लालू यादव को भारतीय राजनीति में भ्रष्ट्रचार का प्रर्याय समझते थें, आज इसी कानून के तहत तब लालू यादव को जेल की हवा खानी पड़ी थी, उनकी संसद की सदस्यता चली गयी थी, अब जब राहुल गांधी की सदस्यता इस फैसले के आधार पर चली गयी है, तब अचानक से लिली थॉमस बनाम भारत सरकार के फैसले को चुनौती देने की मांग की जाने लगी है.
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