टीएनपी डेस्क(TNP DESK): कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) संगठित क्षेत्र के लोगों से जुड़ा एक ऐसा संगठन है जो उनके भविष्य को सुरक्षित बनाता है.भारत सरकार के इस संगठन के द्वारा उनके अंशदान को सुरक्षित रखते हुए उन्हें हर साल लाभ पहुंचाता है.भविष्य निधि संगठन की ओर से अपने खाताधारकों यानी सदस्यों को और भी ढेर सारी सुविधाएं दी जाती हैं. पर सबसे महत्वपूर्ण पहलू है, इस पर मिलने वाला ब्याज. ईपीएफओ को लेकर श्रम मंत्रालय हर साल वित्तीय वर्ष के अंत में अपने खाताधारकों की जमा राशि पर ब्याज दर की घोषणा करता है.
अब हम बताते हैं आपको कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के बारे में
यह एक वैधानिक संस्था है. इसका गठन 1952 में एक कानून बनाकर किया गया. निजी क्षेत्र के संगठित कर्मचारियों या कर्मियों का अंशदान इसमें जमा होता है. अंशदान देने के अलग-अलग पैटर्न हैं. पर हम बात करते हैं ईपीएफओ के खाताधारकों के हितों की. श्रम मंत्रालय की एक महत्वपूर्ण बैठक मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में हुई. इस बैठक में भविष्य निधि संगठन के पदाधिकारी मौजूद थे. श्रम मंत्रालय कि इस महत्वपूर्ण बैठक में यह तय किया गया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए खाता धारकों को उनकी जमा राशि पर 8.15 प्रतिशत ब्याज दिया जाएगा. पिछले वित्तीय वर्ष यानी 2021-22 में यह ब्याज दर 8.10 प्रतिशत थी. मालूम हो कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के अधीन 27 करोड़ 74 लाख से अधिक खाताधारक यानी सदस्य हैं. श्रम मंत्रालय के इस निर्णय को अब वित्त मंत्रालय भेजा जाएगा.वित्त मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद ईपीएफओ की सभी सदस्यों के खाते में ब्याज की राशि क्रेडिट कर दी जाएगी.
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