टीएनपी डेस्क(TNP DESK): दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार शराब घोटाला को लेकर शक के दायरे में है. एक-एक कर कई लोग हंसते चले जा रहे हैं. सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया पिछले फरवरी से इसी मामले में जेल में है. राज्यसभा सांसद और आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह भी इसमें फंसे हुए हैं.
और अब जानिए क्यों अरविंद केजरीवाल आए शक के दायरे में
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को, जैसी की आशंका थी, वैसा ही हो रहा है,प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने उन्हें भी बुलावा भेजा है. प्रवर्तन निदेशालय उनसे 2 नवंबर को पूछताछ करेगी आबकारी नीति और इससे संबंधित घोटाला यानी शराब घोटाला के संबंध में उनसे पूछताछ की जाएगी. जाहिर सी बात है अरविंद केजरीवाल सरकार के मुखिया हैं. इसलिए उनसे इस संबंध में पूछताछ जरुरी समझी गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर कुछ दिए हैं संकेत
आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को इस मामले में सबसे पहले पकड़ा गया. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने 338 करोड़ रुपए के इस शराब घोटाला में आंशिक रूप से इसे सत्यापित किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इसलिए याचिका खारिज की जा रही है और प्रवर्तन निदेशालय को कहा है कि 6 से 8 महीने के अंदर इस मामले को निष्पादित करे.
भाजपा अरविंद केजरीवाल पर हुई हमलावर
भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने कहा है कि वे लोग इस मामले में पहले से ही कहते रहे हैं कि दिल्ली सरकार में शराब का ठेका पट्टा के धंधे में करोड़ों रुपए का घपला घोटाला हुआ है. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के ऑब्जरवेशन से साफ तौर पर पता चलता है कि उन लोगों का आरोप सही है.
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