TNP DESK- पांच राज्यों के विधान सभा चुनावों को 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले का सेमीफाइनल माना जा रहा है. यदि इन पांच राज्यों में कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन करते हुए राजस्थान और छत्तीसगढ़ में वापसी करती है और इसके साथ ही भाजपा के हाथ से मध्यप्रदेश छीनने में कामयाब हो जाती है, तो पूरे देश में इससे कांग्रेस से प्रति एक सकारात्मक नजरिया बनेगा.
हालांकि तमाम सर्वेक्षणों में आश्यर्चजनक रुप से तेलांगना में भी कांग्रेस को 10 वर्षो से सत्ता पर काबिज चन्द्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति पर बढ़त बतायी जा रही है, लेकिन सबकी नजर मध्यप्रदेश के चुनावी अखाड़े पर लगी हुई है, जहां दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस एक बार फिर से भाजपा के हाथ से एमपी को छिनती नजर आ रही है.
इन तमाम सर्वेक्षणों से कांग्रेस के हौसले भी मजबूत हैं, लेकिन इस बढ़त को और भी मजबूती प्रदान करने लिए कांग्रेस ने अब पिछड़ों को अपने पाले में करने का बड़ा कार्ड खेल दिया है. अपने चुनावी घोषणा पत्र में कांग्रेस ने पिछड़ी जातियों के आरक्षण के वर्तमान 14 फीसदी आरक्षण को 27 फीसदी करने का बड़ा दांव खेला है.
ध्यान रहे कि जब पिछली बार कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी थी, तब ही कमलनाथ की सरकार ने 14 फीसदी आरक्षण को 27 फीसदी करने का विधेयक पास कर दिया था, लेकिन कमलनाथ की सरकार जाते ही, यह कानूनी लफड़े में फंस गया और बाद में कोर्ट के द्वारा इस पर रोक लगा दी गयी. इस प्रकार कांग्रेस अपनी पुरानी वचनबद्धता को एक बार फिर से दुहराती नजर आ रही है.
राजस्थान में गहलोत सरकार पहले ही अपने नागरिकों को 25 लाख का स्वास्थ्य बीमा प्रदान कर रही है
इसके साथ कांग्रेस का एक और बड़ा दांव हर नागरिक को 25 लाख तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा करवाने का एलान हैं, कांग्रेस का यह वादा ज्यादा असरकारी इसलिए भी नजर आ रहा है क्योंकि राजस्थान की गहलोत सरकार इसे पहले ही लागू कर चुकी है, अब उसी को मध्यप्रदेश में भी लागू करना का वादा किया जा रहा है. इसकी साथ ही पुरानी पेंशन योजना को लागू करने, 100 यूनिट तक की बिजली बिल फ्री के साथ 101 गारंटियों का एलान किया गया है. कहा जा सकता है कि कांग्रेस का पूरा घोषणा पत्र किसान, कर्मचारी, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, पिछड़ा वर्ग पर फोकस करता नजर आ रहा है.
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