टीएनपी डेस्क(TNP DESK): चीन के वर्तमान राष्ट्रपति शी जिनपिंग तीसरी बार इस बड़े मुल्क की कमान संभालने जा रहे हैं .उनके फिर से राष्ट्रपति बनने पर मुहर लग रही है. नेशनल पीपल्स कांग्रेस की 14 वीं बैठक में इसका औपचारिक निर्णय होने जा रहा है. इस बैठक में यह माना गया है कि शी जिनपिंग के नेतृत्व में चीन की ताकत बढ़ी है.
नेशनल पीपल्स कांग्रेस में यह समीक्षा की गई कि शी जिनपिंग का कार्यकाल कैसा रहा, इसमें बहुमत से यह माना गया कि उनके नेतृत्व में अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत हुई है और विदेशी मोर्चे पर भी चीन की ताकत बढ़ी है. महामारी काल में भी चीन ने बखूबी इसे हैंडल करने का प्रयास किया है. चीन की संसद नेशनल पीपल्स कांग्रेस की पिछले 5 मार्च से बैठक शुरू हुई. यह लंबी बैठक होती है. कुछ लोग शी जिनपिंग के कामकाज की आलोचना भी किए हैं. उनकी जीरो कोविड-19 पॉलिसी पर सवाल खड़ा किए गए. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शी जिनपिंग का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाया जा रहा है. वे सबसे अधिक समय तक शासन करने वाले चीन के राष्ट्रपति होने जा रहे हैं. पड़ोसी मुल्कों के साथ चीन की कूटनीतिक पॉलिसी की भी अधिकांश सांसदों ने तारीफ की है. अमेरिका और पश्चिमी देशों के साथ चेक एंड बैलेंस और विरोध की पॉलिसी की तारीफ की गई है. सैनी व्यवस्था में मजबूती लाने के लिए भी शी जिनपिंग की सराहना की गई है. विदेशी व्यापार में भी इनके शासनकाल में चीन ने बढ़िया परफॉर्मेंस दिया है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैसे चीन की चुनौतियां पहले से बढ़ी हैं. कमोवेश, भारत के पड़ोसी देश चीन में शी जिनपिंग का तीसरी बार कार्यकाल बढ़ना बहुत अच्छा नहीं माना जा रहा है. फिर भी यह समझा जा रहा है कि अगर कोई दूसरा यहां का राष्ट्रपति बनता है तो ना जाने किस तरह का होता.
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