टीएनपी डेस्क (Tnp desk): ‘’जो राम का नहीं, किसी काम का नहीं’’, ‘’कसम राम की खाते हैं, मंदिर वही बनायेंगे’’, और जय श्री राम जैसे नारों से फिंजाए अक्सर गुंजा करती थी. रामजन्म भूमि आंदोलन का इतिहास और इसके लिए गली-गली जय श्री राम के नारे बता देते हैं कि किस कदर राम के नाम पर लोगों का लगाव और मंदिर निर्माण को लेकर एक बेताबी और श्रद्धा दी. भारतीय जनता पार्टी और संघ ने इसे आगे बढ़ाया, जो एक आंदोलन बन गया .
राम लला की प्राण प्रतिष्ठा
आज अयोध्या में दशकों के इंताजर के बाद रामलला का मंदिर स्थापित होकर प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है . सारा देश राम के नाम पर जयकारे लगा रहा है . भारतीय जनता पार्टी इसे लेकर खास उत्साहित है और आगामी लोकसभा चुनाव में इसे भुनाना चाहती है. इससे इंकार नहीं किया जा सकता . प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्राण प्रतिष्ठा से पहले 12 जनवरी को 11 दिन का अनुष्ठान शुरु किया . इस दौरान चार राज्यों के छह मंदिर पहुंचे और भगवान के दर्शन कर पूजा अर्चना की. इन मंदिरों से रामकथा और राम का वजूद जुड़ा था. लिहाजा, प्रधानमंत्री ने प्राण प्रतिष्ठा से पहले यहां जाकर एक संदेश दिया . जिसके जरिए ये बतलाना चाहते है कि उनकी भगवान राम पर कितनी आस्था और उनकी पार्टी भाजपा कितना करीब है. भारतीय जनता पार्टी राम आंदोलन से लंबे सयम तक जुड़ी रही, अटल, अडवाणी, जोशी और उमा भारतीय सरीखे नेता ने राम मंदिर निर्माण को लेकर हमेशा अपने भाषणों में बोला और भरोसा दिलाया कि राम मंदिर का निर्माण अयोध्या में होगा और आखिरकार 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का लम्हा आ गया.
राम मंदिर आंदोलन
आंदोलन तो दशकों से चलता रहा और इसकी आग भी भ़ड़की और कई लोग झुलसे भी. राम भक्तों ने गोलिया भी खाई और लहुलुहान भी हुए. लेकिन, मर्यादा पुरोषत्तम राम का नाम जुबान पर हमेशा अदब से रहा. सियासत में राम के नाम पर बीजेपी भी आगे बढ़ते गई, उसका कारंवा रुका नहीं, बल्कि राम का ही नाम रहा कि लगातार भाजपा का हिन्दु वोट बैंक भी ब़ढ़ता रहा . अगर इसे आंकड़ों की नजर से देखे तो बहुत साफ हो जाएगा.
बीजेपी और हिन्दू वोट बैंक
CSDS के सर्वे को माने तो बीजेपी को कम धार्मिक हिन्दुओं के मुकाबले ज्यादा धार्मिक हिन्दुओं के वोट अधिक मिलते हैं. उनके अलग वक्त पर किए गये सर्वे को देखे तो 2009 में रोजाना मंदिर जाने वाले 28 प्रतिशत हिन्दुओं ने वोट दिया. वही, 2014 लोकसभा चुनाव में हर दिन मंदिर जाने वाले 45 प्रतिशत हिन्दुओं ने बीजेपी को वोट किया, जबकि 2019 में 51 प्रतिशत हिन्दुओं ने भारतीय जनता पार्टी को अपना मत दिया. इससे समझ सकते है कि हिन्दुओं का वोट बैक किस कदर भारतीय जनता पार्टी को अपना मत देता है. 2024 लोकसभा चुनाव में इनकी संख्या ओर बढ़ेगी, इसकी पूरी संभावना है. क्योंकि एक लंबे इतजार, संधर्ष और बलिदान के बाद राम मंदिर का निर्माण अयोध्या में हुआ और 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा भी राम लला की मूर्ति की हुई . खुद हिनुदस्तान के वजीरे आला नरेन्द्र मोदी और संख प्रमुख मौजूद रहे.
लोकसभा चुनाव में अब कुछ महीनों का समय बचा हुआ है और राम लहर भाजपा की तरफ बहेगी इसकी भरपूर संभावना है. खैर आगे क्या होगा ये तो देश के मतदाता तय करेंगे, लेकिन इस बार के चुनाव में राम फैक्टर तो जरुर रहेगा. राम मंदिर के ऐतिहासक आयोजन के बाद अब लोकसभा चुनाव की तारीख का भी जल्द एलान हो जाएगा और देखना ये है कि राम जी कितना बेड़ा बीजेपी का पार लगाते हैं
रिपोर्ट: शिवपूजन सिंह
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