बड़ी खबर: पत्नी से अलग होने के बाद अब पति को नहीं देना होगा गुजारा भत्ता, सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

टीएनपी डेस्क (TNP DESK): सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है, जो पत्नी को गुजारा भत्ता से जुड़ा हुआ है. अगर पति और पत्नी दोनों समान रूप से कमाते हैं तो पत्नी को गुजारा भत्ता देने का कोई मतलब नहीं है. सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला एक महिला की याचिका पर आया है.
महिला ने याचिका के माध्यम से पति से गुजारा भत्ता की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में इस पर ऐतिहासिक फैसला दिया है जो भविष्य में भी महत्वपूर्ण रहेगा. सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए साफ तौर पर कहा कि जब पति-पत्नी दोनों सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं और समान रूप से काम रहे हैं तो पत्नी को गुजारा भत्ता क्यों दिया जाए. कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है और कहा है कि अगर पत्नी आत्मनिर्भर है और अपनी जरूरत को पूरा करने में सक्षम है तो वह पति से गुजारा भत्ता नहीं मांग सकती है. सुप्रीम कोर्ट के जज अभय एस ओका और उज्जवल भुइंया ने तलाक लेने वाली महिला की याचिका पर सुनवाई की.
कोर्ट में महिला ने क्या दी थी दलील, जानिए
इधर महिला की दलील थी कि उसके पति की मासिक आय एक लाख रूपए है जबकि वह 60000 रुपए ही कमा रही है. इस पर उसने गुजारा भत्ता मांगा लेकिन पति के अधिवक्ता ने दलील को चुनौती देते हुए कोर्ट को बताया कि दोनों यानी पति-पत्नी की स्थिति समान है.
इसलिए गुजारा भत्ता की कोई जरूरत नहीं है.कोर्ट ने दोनों पक्षों को सैलरी स्लिप जमा करने का निर्देश दिया था सैलरी स्लिप को देखने के बाद कोर्ट ने यह पाया कि पति और पत्नी की कमाई एक जैसी है. इस प्रकार से याचिका खारिज कर दी गई. मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा जब मध्य प्रदेश हाई कोर्ट और निचली अदालत ने भी महिला की गुजारा भत्ता की मांग ठुकरा दी थी.
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