पश्चिम बंगाल(PASCHIM BANGAL):टीएमसी के विवादित नेता और संदेशखाली मे ईडी की टीम पर हुए हमले का आरोपी शेख शाजहां लंबे इंतजार के बाद आज गिरफ्तार हो गया. ये शातिर पिछले 55 दिनों से फरार चल रहा था.जिसको पश्चिम बंगाल पुलिस ने देर रात मिनाखा से गिरफ्तार कर लिया है, फिलहाल शेख शाजहां को पुलिस अपनी कस्टडी मे रखा है, मिनाखान के एसडीपीओ अमीनुल इस्लाम ने कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस ने उत्तर 24 परगना के मिनाखान इलाके से शाहजहां शेख को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के बाद पहले उसे गुरुवार सुबह बशीरहाट सब-डिविजनल कोर्ट में लाया गया. यहां उसे कोर्ट लॉकअप में रखा गया है.
संदेशखाली मे ईडी की टीम पर हमले का है आरोपी
वहीं आज दोपहर 2 बजे उसे बशीरहाट कोर्ट में पेश किया जाएगा, इससे पहले कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को निर्देश दिया था कि महिलाओं पर यौन अत्याचार और संदेशखाली में जमीन हड़पने के मुख्य आरोपी तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख को सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) या पश्चिम बंगाल पुलिस में से कोई भी गिरफ्तार कर सकती है. राज्य के एडवोकेट जनरल की अर्जी पर अदालत ने 26 फरवरी को अपने आदेश मे स्पष्ट किया था, जिसमे उसने पुलिस प्राधिकारी को शेख की गिरफ्तारी का आदेश दिया था, पांच जनवरी को राशन घोटाले से संबंधित एक तलाशी अभियान के दौरान जब ईडी की टीम शाहजहां शेख के ठिकानों पर पहुंची थी तो उसके समर्थकों ने ईडी की टीम पर हमला कर दिया था. इस हमले में ईडी के कई अधिकारी घायल हुए थे. इस हमले के बाद पुलिस को कड़ी कार्रवाई करते हुए शाहजहां शेख के सहयोगी शिबू हाजरा और उत्तम सरदार को गिरफ्तार कर लिया था.
8 फरवरी से महिलाओं ने शाहजहां शेख और उसके समर्थकों के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया
आपको बता दें कि संदेशखाली में 9 फरवरी से इलाके के लोगों ने शेख शाजहां के खिलाफ अपना मुंह खोलना शुरू किया, फिर चारों तरफ बवाल ही बवाल होने लगा, जो लोग शेख शाजहां और उसके गुर्गो के खिलाफ मुंह तक नही खोलते थे उनके सामने डर से खड़े नही होते थे वह लोग उनके घरों मे तोड़फोड़ और आगजनी कर अपने गुस्से का इजहार करने लगे. संदेशखाली शाहजहां शेख के दबदबे वाला इलाका माना जाता है. 8 फरवरी से स्थानीय महिलाओं ने शाहजहां शेख और उसके समर्थकों के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया. महिलाओं ने आरोप लगाया कि शाहजहां शेख और उसके लोग महिलाओं का यौन शोषण भी करता था. 9 फरवरी को प्रदर्शनकारी महिलाओं ने शाहजहां समर्थक हाजरा के तीन पोल्ट्री फार्मों को जला दिया. महिलाओं का दावा था कि वे स्थानीय ग्रामीणों से जबरन छीनी गई जमीन पर बने थे, आज इलाके की आम जनता की आंदोलन रंग लाइ और आखिरकार शेख शाजहां 55 दिनों बाद पुलिस के हत्थे चढ़ गया.
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