धनबाद(DHANBAD): धनबाद लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो ने मंगलवार को नामांकन कर दिया. नामांकन के समय पांच लोग जिला निर्वाचित पदाधिकारी के सामने उपस्थित हुए. इनमें प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, निवर्तमान सांसद पशुपतिनाथ सिंह, विधायक राज सिन्हा , प्रत्याशी ढुल्लू महतो और उनके अधिवक्ता शामिल थे. ढुल्लू महतो की ओर से आज धनबाद के गोल्फ मैदान में आम सभा का भी आयोजन होगा. भीड़ जुटाने की पूरी कोशिश हुई है. वाहनों का काफिला है तो समर्थकों की भीड़ भी कम नहीं है. दरअसल, ढुल्लू महतो तो आज नामांकन के बाद अपने प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की कोशिश में है. वह यह बताना चाहते हैं कि भाजपा की ताकत बड़ी है और उसके आगे कोई टिक नहीं पाएगा. यह अलग बात है कि बुधवार को कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा सिंह भी नॉमिनेशन करेंगी. और उनकी ओर से भी गोल्फ मैदान में ही सभा का आयोजन होगा.
बुधवार को कांग्रेस उम्मीदवार करेंगी नामांकन
कांग्रेस की ओर से भी पूरी तैयारी की जा रही है. सबको एकजुट करने की कोशिश हो रही है. अनुपमा सिंह के नामांकन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन, झारखंड कांग्रेस के प्रभारी सहित अन्य नेता शामिल रहेंगे. देखना होगा कि भाजपा की ताकत से कांग्रेस की ताकत आगे निकलती है या पीछे रह जाती है. वैसे तैयारी दोनों ओर से की गई है. यह भी एक संयोग ही है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों के पास कोयला मजदूरों की कमोबेश ताकत है. ढुल्लू महतो भी कोयला मजदूर संगठन से जुड़े हैं तो अनुपमा सिंह के पति विधायक अनूप सिंह भी कोयला मजदूरों की राजनीति करते है. वैसे धनबाद के निवर्तमान सांसद पशुपतिनाथ सिंह उर्फ भाई जी का "विजय पताका" लेकर मंगलवार को भाजपा प्रत्याशी ,बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो नामांकन किया. . तीन बार के सांसद रहे पशुपतिनाथ सिंह ने धनबाद लोकसभा क्षेत्र का विजय पताका ढुल्लू महतो को सौंप दिया है. अब इस पताके की लाज बचाना भाजपा प्रत्याशी ढुल्लू महतो की जिम्मेवारी है. मंगलवार और और बुधवार को नामांकन के बाद धनबाद में चुनाव प्रचार तेज होगा. धनबाद लोकसभा सीट को फिर से जीतना बीजेपी के लिए जरूरी है तो कांग्रेस भी प्रयास करेगी कि यह सीट भाजपा से छीन लिया जाए.
धनबाद से 2004 में जीती थी कांग्रेस
1991 से अगर 2019 तक की बात की जाए तो सिर्फ 2004 को छोड़कर हर एक बार यहां से भाजपा का विजय पताका लहराया है .1991 में रीता वर्मा बीजेपी की टिकट पर चुनाव जीती थी. पति जांबाज एसपी शहीद रणधीर प्रसाद वर्मा की शहादत के बाद वह चुनाव राजनीति में आई और लगातार चार बार सांसद रही. उसके बाद उनका टिकट काटकर उस समय के विधायक रहे पशुपतिनाथ सिंह को टिकट दिया गया. पशुपतिनाथ सिंह लगातार तीन बार सांसद रहे, लेकिन चौथी बार पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया. भाजपा ने ढुल्लू महतो को उम्मीदवार बनाया है, तो कांग्रेस ने इस बार बेरमो के विधायक अनूप सिंह की पत्नी अनुपमा सिंह को धनबाद लोकसभा से टिकट दिया है. 2004 में धनबाद लोकसभा से कांग्रेस के टिकट पर ददई दुबे जीते थे. उसके बाद से लगातार कांग्रेस हारती रही है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
4+